सोजत। भाद्रपद मास में रामदेवरा रुणेचा दर्शन की परंपरा को निभाते हुए स्वामी विवेकानंद मार्ग, घोलीवाड़ी ढीरो का बास निवासी दिव्यांग राजूराम टांक ने एक बार फिर अपनी स्कूटी को बाबा रामदेवजी की झंडियों से सजाकर यात्रा प्रारंभ की। स्कूटी पर लाउडस्पीकर से रामदेवजी के भजनों की गूंज के साथ वह रविवार को रामदेवरा के लिए रवाना हुआ। इस दौरान श्रद्धालु कालू भी उनके साथ यात्रा पर निकले।
विगत कई वर्षों से राजूराम टांक भाद्रपद मास की रोहिणी नवमी व गोगा नवमी के अवसर पर स्कूटी से रामदेवरा दर्शन के लिए जाते रहे हैं। उनकी इस आस्था यात्रा की सफलता के लिए स्वामी विवेकानंद मार्ग के मोहनलाल टांक, चंद्रशेखर व्यास, चेतन व्यास, धर्मेंद्र व्यास, राजूराम भाटी, दीपक टांक, गोपीकिशन, गंगाराम, महेंद्र परिहार, दुर्गा राम, गोल्डी, मनिक, दीक्षान्त व्यास, भूमिका परिहार, दीपिका, दिव्या, शौर्य, प्रवीण, जहान्वी सहित कई लोगों ने शुभकामनाएं दी।
ज्ञातव्य है कि रुणेचा रामदेवरा मंदिर की उत्पत्ति 14वीं शताब्दी में हुई थी, जब संत रामदेवजी महाराज ने यहां समाधि ली थी। तोमर राजपूत परिवार में जन्मे संत रामदेवजी ने अपने जीवनकाल में कई चमत्कार किए, जिसके चलते उन्हें आज भी ‘लोक देवता’ के रूप में पूजा जाता है। हर वर्ष भाद्रपद माह में देशभर से लाखों श्रद्धालु यहां दर्शन के लिए पहुंचते हैं।
