ज्योतिष वास्तु शास्त्र

अशुभ ग्रह जीवन में लाते हैं रोग और संकट! जानिए कैसे करें शांति एवं उपाय


✍️ वरिष्ठ पत्रकार ओमप्रकाश बोराणा


ज्योतिष शास्त्र के अनुसार व्यक्ति के जीवन में सुख-दुःख, स्वास्थ्य, धन, संतान और भाग्य का प्रभाव जन्मपत्रिका में स्थित नौ ग्रहों की स्थिति से जुड़ा माना जाता है। यदि यही ग्रह कुंडली में अशुभ स्थिति में हों तो जीवन में परेशानियाँ, रोग, बाधाएँ और मानसिक तनाव उत्पन्न होने लगते हैं। ज्योतिषाचार्यों के मतानुसार ग्रहों की महादशा एवं अंतरदशा के समय इनका प्रभाव और अधिक तीव्र होता है, जिससे कई प्रकार की शारीरिक बीमारियाँ एवं जीवन में रुकावटें देखने को मिलती हैं। लेकिन चिंता की बात नहीं, शास्त्रों में ऐसे कई सरल उपाय बताए गए हैं जिनसे अशुभ ग्रहों के प्रभाव को कम कर अनुकूल परिणाम प्राप्त किए जा सकते हैं।


किस ग्रह के अशुभ होने पर मिलते हैं कौन से रोग?

🔻 सूर्य अशुभ हो तो:
मुँह में बार-बार थूक जमा होना, झाग निकलना, हृदय गति असंतुलित होना, कमजोरी एवं ब्लड प्रेशर की समस्या।

🔻 चंद्र अशुभ हो तो:
दिल से संबंधित परेशानी, आँखों की कमजोरी, मानसिक अस्थिरता।

🔻 मंगल अशुभ होने पर:
रक्त व पेट रोग, नासूर, जिगर-पित्त समस्या, भगंदर एवं फोड़े।

🔻 बुध अशुभ हो तो:
चेचक, नसों में कमजोरी, जीभ-दाँत समस्याएँ, बुद्धि भ्रम।

🔻 बृहस्पति कुपित होने पर:
गैस, फेफड़ों की बीमारी, मोटापा एवं पाचन समस्या।

🔻 शुक्र अशुभ हो तो:
त्वचा रोग, दाद-खुजली, प्रजनन समस्या।

🔻 शनि अशुभ होने पर:
खाँसी, नेत्र रोग, हड्डियों की तकलीफ, जीवन में संघर्ष अधिक।

🔻 राहु अशुभ हो तो:
ज्वर, मानसिक भ्रम, दुर्घटना, अचानक कष्ट।

🔻 केतु अशुभ होने पर:
रीढ़ दर्द, जोड़ों का दर्द, मधुमेह, कान रोग, स्वप्न दोष, गुप्त रोग।


अब जानिए कैसे करें अशुभ ग्रहों का शमन? (सरल एवं प्रभावी उपाय)

🌞 सूर्य के उपाय

बहते जल में गुड़ प्रवाहित करें

प्रतिदिन सूर्य को जल चढ़ाएँ

पिता की सेवा करें

गेहूँ और तांबे का दान शुभ


🌙 चंद्र के उपाय

मंदिर में कच्चा दूध-चावल चढ़ाएँ

माता की सेवा करें

रात को पानी/दूध सिरहाने रखें, सुबह कांटेदार पेड़ की जड़ में डालें


🔥 मंगल के उपाय

तिल-गुड़ की रेवड़ी बहते पानी में प्रवाहित करें

43 दिन बरगद की जड़ में मीठा दूध चढ़ाएँ

बंदरों को गुड़-चना खिलाएँ

मसूर दाल दान करना मंगल को शांत करता है


🟢 बुध के उपाय

छेद वाला तांबे का सिक्का जल में बहाएँ

फिटकरी से दाँत साफ करें

मूंग दाल का दान करें

दुर्गा आराधना उत्तम फल देती है


💛 बृहस्पति उपाय

रोज केसर का तिलक लगाएँ

चने की दाल या पीली वस्तु दान करें


💠 शुक्र उपाय

गाय की सेवा करें

घर स्वच्छ रखें

दही, घी, कपूर दान करें


🪐 शनि उपाय

प्रतिदिन नारियल बहते पानी में बहाएँ

शनिवार को पीपल पर तेल का दीपक

हनुमान अराधना, बजरंग बाण पाठ

काले उड़द व लोहे का दान श्रेष्ठ


🐍 राहु उपाय

जौ, मूली या काली सरसों दान

सिरहाने रखकर अगले दिन नदी में प्रवाहित करें


⚪ केतु उपाय

43 दिन कुत्तों को मीठी रोटी खिलाएँ

चींटियों को गुड़ मिला आटा डालें

काला-सफेद कंबल दान उत्तम

रोज कौओं को रोटी देने से बाधा दूर


कर्म श्रेष्ठ हो तो ग्रह भी साथ देते हैं

✔ मंदिर दर्शन नियमित रखें
✔ माता-पिता, गुरु का सम्मान करें
✔ धर्म पालन एवं पितरों का श्राद्ध करें
✔ गौ सेवा, कुत्तों एवं कौओं को भोजन कराएँ
✔ एक बार में एक ही उपाय कम से कम 40–43 दिन करें
✔ बीच में रुकावट आए तो पुनः प्रारंभ करें
✔ जरूरत पड़ने पर रक्त संबंधी व्यक्ति भी उपाय कर सकता है

मान्यता है — कर्म अच्छे हों तो भाग्य खुद रास्ता बना देता है।
सच्ची भावना, संयम और नियमपूर्वक उपाय ग्रहों को शांत करते हैं और जीवन में सुख-समृद्धि लाते हैं।


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