वरिष्ठ पत्रकार चेतनजी व्यास के साथ अकरम खान की रिपोर्ट।
सोजत। भगवान सुरेश्वर महादेव मंदिर तीर्थ सोजत को विकसित करने के लिए श्रीमाली ब्राह्मण समाज एवं सुरेश्वर महादेव मंदिर भक्त मंडल द्वारा लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। पूर्व काबीना मंत्री लक्ष्मीनारायण दवे ने बताया कि यह मंदिर लगभग दो सौ साल से अधिक पुराना है। मंदिर के बाहर स्थित बागेलाव की पाल (सुरेश्वर सरोवर) में महान तपस्वी गुरु फूलनारायण ने कठोर तप साधना कर अनेक सिद्धियां प्राप्त कीं और मानव कल्याण में विशेष योगदान दिया।
महादेव भक्त एवं वरिष्ठ नागरिक समिति अध्यक्ष सुरेश ओझा ने कहा कि इस क्षेत्र को तीर्थ स्थल मानकर इसका समुचित विकास किया जाना चाहिए। वहीं ज्योतिषाचार्य पंडित वीरेन्द्र दवे ने बताया कि यहां का शांत वातावरण साधकों को साधना के लिए अत्यंत उपयुक्त है।

अखिल भारतीय गुरु फूलनारायण आश्रम न्यास अध्यक्ष सुरेंद्र त्रिवेदी ने विधायक श्रीमती शोभा चौहान एवं नगर परिषद चेयरमैन श्रीमती मंजू जुगल किशोर निकुंम से मांग की है कि सुरेश्वर सरोवर एवं बागेलाव क्षेत्र में सौंदर्यीकरण कार्य करवाया जाए तथा एक सामुदायिक भवन का निर्माण किया जाए, जिससे यह क्षेत्र तीर्थ स्थल के रूप में विकसित हो सके।
पुजारी हरीश त्रिवेदी ने बताया कि मंदिर में प्रतिदिन सुबह-शाम आरती होती है, जिसमें बड़ी संख्या में भक्तजन शामिल होते हैं। इस मंदिर की विशेषता यह है कि यहां तीन शिवलिंग एक साथ विराजमान हैं, जो इसे सोजत का एक अद्वितीय और प्राचीन शिवधाम बनाता है।
मंदिर परिसर और आसपास की व्यवस्था सुधारने हेतु हितेंद्र व्यास, प्रफुल्ल ओझा, अशोक शर्मा, चेतन व्यास, सुरेंद्र अग्रवाल, अनिल ओझा, पार्षद राजकुमार टांक, भवानी शंकर सोनी, ताराचंद गहलोत, सुंदर टाक, दिनेश गहलोत, धीरेन्द्र व्यास, धर्मेंद्र व्यास, लखन, राहुल त्रिवेदी, गोपाल अवस्थी, लक्ष्मण, राजेंद्र टांक, दिनेश व्यास, मनीष व्यास, दीक्षांत आदि ने चेयरमैन श्रीमती निकुंम से आग्रह किया है कि मेला चौक से मुख्य द्वार तक सफाई व्यवस्था सुधारी जाए, रात्रि में हाईमास्ट लाइटें लगाई जाएं, तथा मुख्य द्वार से प्रवेश द्वार तक सड़क का समतलीकरण कार्य शीघ्र करवाया जाए।
इस क्षेत्र में दो महापुरुषों की समाधियां एवं एक नाग-नागिन जोड़े का प्राकृतिक स्थल भी स्थित है, जिससे यह स्थान धार्मिक, ऐतिहासिक और प्राकृतिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण बन जाता है।
