लेखक: वरिष्ठ पत्रकार ओमप्रकाश बोराणा)
जयपुर में नगर निगम विस्तार की तैयारी, अन्य शहरों में भी नया निगम बनाने की संभावना
जयपुर। राजधानी जयपुर सहित राजस्थान के अन्य प्रमुख शहरों में नगर निगम की सीमाओं का विस्तार और वार्डों का पुनर्सीमांकन की प्रक्रिया शुरू हो गई है। जयपुर में विधायकों और विधानसभा चुनाव में खड़े हो चुके प्रत्याशियों से रायशुमारी की जा रही है। अब तक की चर्चाओं में नगर निगम के क्षेत्र को विस्तारित करने और वार्डों की संख्या बढ़ाने पर सहमति बनी है। अनुमान है कि जयपुर नगर निगम में 150 से 160 वार्ड तक हो सकते हैं। इसके साथ ही उन इलाकों को भी निगम सीमा में शामिल किया जाएगा, जहां हाल ही में तेजी से आबादी बढ़ी है और विकास कार्य किए जा रहे हैं।
माना जा रहा है कि राज्य सरकार जयपुर के साथ जोधपुर और कोटा में भी एक-एक नगर निगम स्थापित करने पर विचार कर रही है। स्वायत्त शासन मंत्री झाबर सिंह खर्रा ने इसके संकेत दिए हैं। उल्लेखनीय है कि भाजपा का चुनावी वादा भी था कि इन शहरों में एक-एक निगम किया जाएगा, क्योंकि दो निगम होने से पार्टी को राजनीतिक नुकसान हुआ है। अगले वर्ष के अंत तक इन शहरों में बोर्ड का कार्यकाल समाप्त होने वाला है, और इस समय सीमा के भीतर पुनर्सीमांकन की प्रक्रिया पूरी की जानी है।
स्थानीय जनप्रतिनिधियों का समर्थन
पार्टी के वरिष्ठ नेता और जयपुर के उप महापौर पुनीत कर्णावट ने बताया कि संगठन स्तर पर लगातार बैठकें हो रही हैं और वरिष्ठ नेताओं से चर्चा की जा रही है। उन्होंने कहा, “हम चाहते हैं कि जयपुर, जोधपुर और कोटा में एक-एक निगम होना चाहिए, ताकि विकास कार्यों में समरूपता लाई जा सके।”
1994 से अब तक बढ़े वार्ड, निगम सीमा में नहीं हुआ विस्तार
1994 में जयपुर नगर निगम का गठन 70 वार्डों से हुआ था, जबकि हालिया परिसीमन में इसे बढ़ाकर 150 वार्ड किया गया था। फिर नगर निगम को दो हिस्सों में बांटा गया, जिससे कुल वार्डों की संख्या 250 हो गई। हालांकि, नगर निगम की सीमा का विस्तार अभी तक नहीं हुआ है, जिससे कई बाहरी क्षेत्रों को निगम सेवाओं का लाभ नहीं मिल पा रहा है। झोटवाड़ा और आमेर क्षेत्र की कई पंचायतें, जिनमें शहर का विस्तार हो चुका है, निगम सीमा से बाहर हैं। इन इलाकों में स्ट्रीट लाइट और सफाई जैसी सुविधाओं का अभाव है और निगम को वहां से कोई राजस्व नहीं मिलता।
नई पंचायतों को निगम सीमा में शामिल करने की योजना
झोटवाड़ा, आमेर, आदर्श नगर, और बगरू जैसे विधानसभा क्षेत्रों की पंचायतों को नगर निगम सीमा में शामिल करने पर विचार किया जा रहा है, ताकि इन क्षेत्रों को निगम की बुनियादी सुविधाएं मिल सकें। स्थानीय जनप्रतिनिधियों ने इस कवायद का समर्थन किया है और इसके लिए उचित कदम उठाने की मांग की है।
निगम का दायरा बढ़ाने से विकास कार्यों में आएगी तेजी
नगर निगम की सीमा के विस्तार से न केवल प्रशासनिक कार्यों में सुधार होगा बल्कि नागरिकों को भी बेहतर सुविधाएं प्राप्त होंगी। विशेषज्ञों का मानना है कि निगम का दायरा बढ़ाने से शहर के विस्तार को समायोजित करने में मदद मिलेगी और इसके साथ ही निगम के राजस्व में वृद्धि भी होगी।
(