सोजत न्यूज़ वरिष्ठ पत्रकार ओमप्रकाश बोराणा
नवजीवन क्रेडिट कोऑपरेटिव घोटाले में बड़ी कार्रवाई: बाड़मेर के संतोष जोशी गिरफ्तार, जयपुर जेल से प्रोडक्शन वारंट पर लाया गया जोधपुर
जोधपुर: बहुचर्चित नवजीवन क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसायटी के घोटाले में एक और अहम गिरफ्तारी हुई है। बाड़मेर जिले के जयसिंधर निवासी और सोसायटी के वित्तीय सलाहकार संतोष जोशी को पुलिस ने हिरासत में लिया है। संतोष जोशी को जोधपुर पुलिस ने जयपुर जेल से प्रोडक्शन वारंट पर हिरासत में लिया और पूछताछ के बाद वापस जेल भेज दिया गया।
नवजीवन क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसायटी का घोटाला और बंदी
यह मामला 2019 से चर्चा में है, जब नवजीवन क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसायटी अचानक बंद हो गई थी। इस सोसायटी में लाखों निवेशकों का पैसा फंसा हुआ है, जो उम्मीद लगाए बैठे हैं कि उन्हें न्याय मिलेगा। सोसायटी के बंद होने के बाद कई निवेशकों ने कानूनी कार्रवाई शुरू की और धीरे-धीरे घोटाले की परतें खुलती गईं। इस सोसायटी पर लोगों से उच्च रिटर्न का वादा करके पैसे जमा कराने का आरोप है, लेकिन अंततः वह सब वादा मात्र धोखा साबित हुआ।
सीताराम की शिकायत पर कार्रवाई
जोधपुर के प्रतापनगर थाने में सीताराम नामक व्यक्ति की शिकायत पर यह कार्रवाई की गई। सीताराम ने पुलिस को जानकारी दी थी कि नवजीवन सोसायटी के नाम पर उसके जैसे अनेक लोगों से धोखाधड़ी की गई है। उनकी शिकायत पर पुलिस ने संतोष जोशी के खिलाफ कार्रवाई की और जांच के दायरे को आगे बढ़ाया।
पुलिस की जांच और आगे की कार्रवाई
नवजीवन क्रेडिट कोऑपरेटिव घोटाले में पुलिस अभी अन्य आरोपियों और अन्य संबंधितों की भूमिका की जांच कर रही है। संतोष जोशी की गिरफ्तारी से उम्मीद है कि अन्य बड़े नाम भी सामने आ सकते हैं, जिन्होंने इस धोखाधड़ी में शामिल होकर लोगों के विश्वास का दुरुपयोग किया। पुलिस का कहना है कि जांच के दौरान यह पता लगाने का प्रयास किया जा रहा है कि आखिरकार इस सोसायटी के बंद होने के पीछे कौन-कौन से कारक और लोग जिम्मेदार हैं।
घोटाले से जुड़े मुख्य बिंदु:
- सोसायटी का इतिहास: नवजीवन क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसायटी निवेशकों को आकर्षक रिटर्न का वादा करती थी।
- घोटाला उजागर: 2019 में अचानक सोसायटी बंद हो गई और निवेशकों के पैसे वापस नहीं हुए।
- संतोष जोशी की भूमिका: सोसायटी के वित्तीय सलाहकार के रूप में कार्यरत संतोष पर निवेशकों को ठगने का आरोप है।
- पुलिस की कार्रवाई: संतोष जोशी को प्रोडक्शन वारंट पर लाकर पूछताछ की गई और अन्य आरोपियों की तलाश जारी है।
यह मामला राजस्थान में तेजी से बढ़ते क्रेडिट कोऑपरेटिव घोटालों के प्रति जागरूकता का भी संकेत है। पुलिस का कहना है कि वह इस मामले में और भी सख्त कदम उठाएगी ताकि लोगों को जल्द से जल्द न्याय मिले और उनका निवेश सुरक्षित हो।