
सोजत। पेंशनर समाज ने पेंशनर भवन में पेंशनर डे को हर्षोल्लास और गरिमामय तरीके से मनाया। इस अवसर पर शिक्षाविद् हिम्मतराज शर्मा ने कार्यक्रम की अध्यक्षता की, जबकि मुख्य अतिथि के रूप में क्षेत्र के प्रतिष्ठित भामाशाह और समाजसेवी अनोप सिंह लखावत उपस्थित रहे। विशिष्ट अतिथि के रूप में डॉ. वासुदेव सांखला और भारतीय स्टेट बैंक शाखा प्रबंधक अविनाश कौशिक ने कार्यक्रम की शोभा बढ़ाई।
कार्यक्रम की शुरुआत अतिथियों के स्वागत से हुई, जहां उन्हें साफा और माला पहनाकर सम्मानित किया गया। इसके बाद संगठन मंत्री और पूर्व खेल अधिकारी सत्तूसिंह भाटी ने पेंशनर डे की अवधारणा और महत्व पर प्रकाश डालते हुए एक विस्तृत पत्रवाचन किया।
बैंक सुविधाओं और साइबर सुरक्षा पर चर्चा
भारतीय स्टेट बैंक शाखा प्रबंधक अविनाश कौशिक ने पेंशनरों को बैंकिंग सुविधाओं की जानकारी दी और साइबर ठगी से बचने के उपाय सुझाए। उन्होंने पेंशनरों को जागरूक रहने की सलाह दी।
मुख्य अतिथि का संदेश
मुख्य अतिथि अनोप सिंह लखावत ने अपने उद्बोधन में कहा, “जिन्होंने अपने जीवन के सुनहरे दिन समाज और राष्ट्र के लिए समर्पित किए, बुढ़ापे में उनका सहारा बनना हम सभी का दायित्व है। उनकी सेवा करना एक पुण्य का कार्य है।”
आरजीएचएस योजना में सुधार की मांग
कार्यक्रम के दौरान आरजीएचएस योजना में किए गए संशोधनों से पेंशनरों को हो रही परेशानियों पर चर्चा की गई। पेंशनरों ने मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन तैयार कर उपखंड अधिकारी सोजत को सौंपा। ज्ञापन में पुरानी व्यवस्था बहाल करने की मांग की गई।
कार्यक्रम का संचालन और विशेष योगदान
कार्यक्रम का कुशल संचालन सचिव रामस्वरूप भटनागर ने किया। संस्था अध्यक्ष लालचंद मोयल ने सभी पेंशनरों को पेंशनर डे की शुभकामनाएं देते हुए उनकी समस्याओं के समाधान का आश्वासन दिया।
उल्लेखनीय उपस्थिति
इस कार्यक्रम में पूर्व खेल अधिकारी सत्तूसिंह भाटी, महेंद्र माथुर, फौजी अशोक सैन, झूमरलाल गर्ग, जुगल किशोर दवे, रशीद अहमद गौरी, शंकरलाल पारीक, लक्ष्मणराम पालड़िया, मोहम्मद यासीन खराड़ी, अर्चना गुप्ता, हरिकिशन चौहान, राधाकृष्ण गहलोत सहित कई पेंशनर मौजूद रहे।
पेंशनर समाज का यह आयोजन न केवल उनकी समस्याओं को सामने रखने का मंच बना, बल्कि उनके योगदान को सम्मानित करने का अवसर भी। ज्ञापन सौंपने के साथ पेंशनरों ने अपनी एकजुटता का संदेश दिया और समस्याओं के समाधान की उम्मीद जताई।