भोपाल। लोकायुक्त पुलिस ने गुरुवार सुबह भोपाल के ई-7 अरेरा कॉलोनी स्थित आरटीओ के पूर्व आरक्षक सौरभ शर्मा के आवास और कार्यालय पर छापा मारा। छापे में अधिकारियों को कुल 2.85 करोड़ रुपये नकद मिले, जिसमें 1.15 करोड़ रुपये उनके घर और 1.70 करोड़ रुपये कार्यालय से बरामद हुए। इसके अतिरिक्त, 50 लाख रुपये की ज्वेलरी और करीब 2 करोड़ रुपये की चल-अचल संपत्ति का भी पता चला।
सिर्फ सात साल नौकरी, फिर स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति
सौरभ शर्मा ने वर्ष 2015 में अनुकंपा नियुक्ति के तहत पुलिस विभाग में आरक्षक के पद पर जॉइन किया था। उन्होंने केवल सात साल नौकरी की और 2022 में स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति (VRS) ले ली। वीआरएस लेने के बाद उन्होंने रियल एस्टेट के कारोबार में कदम रखा, जो तेजी से बढ़ा।
रियल एस्टेट और प्रभावशाली संबंध
लोकायुक्त पुलिस के मुताबिक, सौरभ ने वीआरएस लेने से पहले ही रियल एस्टेट का कारोबार शुरू कर दिया था। उन्होंने प्रदेश के प्रभावशाली लोगों से करीबी संबंध बनाकर अपने कारोबार को फैलाया। पुलिस को भोपाल के अलावा अन्य जिलों में भी उनकी संपत्तियों का पता चला है।
आय से अधिक संपत्ति का मामला
यह कार्रवाई आय से अधिक संपत्ति के मामले में की गई। लोकायुक्त एडीजी जयदीप प्रसाद ने बताया कि सौरभ की कई महीने से गतिविधियों पर नजर रखी जा रही थी। उनकी संपत्तियों और जीवनशैली में भारी अंतर के कारण यह छापा मारा गया।
*मामले की जांच जारी*
लोकायुक्त पुलिस अब यह जांच कर रही है कि सौरभ ने इतनी संपत्ति कैसे जुटाई। नकदी और ज्वेलरी के स्रोतों की भी गहन जांच की जा रही है। रियल एस्टेट कारोबार में उनकी साझेदारियों और प्रभावशाली व्यक्तियों के साथ उनके संबंधों की भी जांच की जाएगी।
यह छापा भ्रष्टाचार के खिलाफ एक बड़ी सफलता मानी जा रही है। जनता इस मामले पर कड़ी कार्रवाई की उम्मीद कर रही है।