✍️ वरिष्ठ पत्रकार ओमप्रकाश बोराणा
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गुर्दे में पथरी बनना आजकल एक आम समस्या बनती जा रही है। यह समस्या अक्सर लंबे समय तक पाचन शक्ति ठीक न रहने और मूत्र विकार के कारण होती है। जब गुर्दों में कुछ तत्व इकट्ठा होकर पथरी का रूप धारण कर लेते हैं, तो यह असहनीय दर्द का कारण बनती है। यह दर्द कमर और पेट तक फैल सकता है। यदि पथरी चने के आकार की है, तो घरेलू उपचार से यह मूत्र के साथ गलकर निकल सकती है।
पथरी के लिए घरेलू उपचार
आवश्यक सामग्री
- गाजर और मूली के बीज – 10-10 ग्राम
- गोखरू – 20 ग्राम
- जवाखार और हजरुल यहूद – 5-5 ग्राम (यह सामग्री पंसारी की दुकान पर उपलब्ध होती है)
चूर्ण तैयार करने की विधि
इन सभी सामग्रियों को कूट-पीसकर महीन चूर्ण बना लें। इस चूर्ण को 3-3 ग्राम की पुड़िया में विभाजित कर लें।
खुराक लेने का तरीका
- सुबह 6 बजे: एक खुराक पानी के साथ लें।
- सुबह 8 बजे: दूसरी खुराक लस्सी के साथ लें।
- शाम 4 बजे: तीसरी खुराक पानी के साथ लें।
कुलथी का काढ़ा
- 20 ग्राम कुलथी को दो कप पानी में डालकर उबालें।
- सुबह 9 बजे और रात को सोने से पहले कुलथी का काढ़ा पीएं।
लाभ और सावधानियां
- यह उपचार पथरी को गलाने और दर्द से राहत दिलाने में कारगर है।
- उपचार के दौरान अधिक मात्रा में पानी पिएं ताकि मूत्र के माध्यम से पथरी का निकास सरल हो सके।
- यदि समस्या गंभीर हो, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
यह प्राकृतिक उपाय सरल और प्रभावी है। इसे नियमित रूप से अपनाने से पथरी की समस्या से राहत मिल सकती है।