
✍️ वरिष्ठ पत्रकार ओमप्रकाश बोराणा
राजस्थान की सियासत में इस समय हलचल तेज है। राज्य में मंत्रिमंडल के विस्तार और पुनर्गठन की तैयारियां जोरों पर हैं। सूत्रों के अनुसार, इस बार मुख्यमंत्री भजनलाल के नेतृत्व में मंत्रिमंडल में बड़े बदलाव की संभावना है। करीब 6 से 10 मंत्रियों को हटाया जा सकता है, जबकि 12 से 16 नए चेहरों को शामिल किया जाएगा। वसुंधरा राजे के करीबी नेताओं को महत्वपूर्ण विभाग मिलना तय माना जा रहा है।
दिल्ली दौरे ने बढ़ाई संभावनाएं
मुख्यमंत्री भजनलाल और प्रदेश भाजपा अध्यक्ष मदन सिंह राठौड़ की हालिया दिल्ली यात्रा ने इन अटकलों को और पुख्ता किया है। इसके साथ ही, पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात ने भी संकेत दिए हैं कि आने वाले दिनों में वसुंधरा समर्थकों का कद बढ़ सकता है।
मंत्रिमंडल विस्तार कब होगा?
भाजपा के अंदरूनी सूत्रों के अनुसार, मंत्रिमंडल विस्तार की तारीख को लेकर दो राय हैं:
1. मकर संक्रांति के बाद: पार्टी के एक वर्ग का मानना है कि मलमास समाप्त होने के बाद, जनवरी के दूसरे पखवाड़े में विस्तार किया जाए।
2. नववर्ष के पहले सप्ताह में: दूसरा वर्ग चाहता है कि इसे जनवरी के पहले सप्ताह में ही लागू कर दिया जाए।
हालांकि, इतना तय है कि जनवरी में यह बड़ा बदलाव देखने को मिलेगा।
कौन से मंत्री हटाए जा सकते हैं?
सूत्रों के अनुसार, करीब 13 मंत्रियों के प्रदर्शन पर सवाल उठे हैं, जिनमें से 6 को हटाया जाना तय माना जा रहा है। 6-7 अन्य पर अभी विचार जारी है। जिन नामों पर चर्चा हो रही है, वे इस प्रकार हैं:
किरोड़ी लाल मीणा
राज्यवर्धन सिंह राठौड़
कन्हैया लाल
के.के. बिश्नोई
जवाहर सिंह बेढम
मंजू बाघमार
इनके अलावा प्रेमचंद बैरवा, मदन दिलावर, सुरेश रावत, संजय शर्मा, विजय सिंह और गौतम दक को भी हटाए जाने की संभावना है।
किन नए चेहरों को जगह मिलेगी?
जो नए चेहरे मंत्रीमंडल में शामिल हो सकते हैं, उनमें अधिकतर तीन या चार बार विधायक रह चुके अनुभवी नेता हैं। पश्चिमी राजस्थान से कुछ नामों पर विशेष चर्चा हो रही है। संभावित नामों में शामिल हैं:
अर्जुन जीनगर (बाबूलाल के स्थान पर)
अनीता भदेल (मदन दिलावर की जगह)
जोगेश्वर गर्ग (प्रेमचंद बैरवा की जगह)
शंकर सिंह रावत (सुरेश रावत की जगह)
जगत सिंह (जवाहर सिंह बेढम की जगह)
पुष्पेंद्र सिंह बाली (राज्यवर्धन सिंह राठौड़ की जगह)
ताराचंद जैन (गौतम दक की जगह)
जसवंत यादव (संजय शर्मा की जगह)
वसुंधरा समर्थकों को मिलेंगे बड़े विभाग
पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के करीबी नेताओं को इस बार मंत्रिमंडल में प्रमुख विभाग मिलने की संभावना है। श्रीचंद कृपलानी और कालीचरण सर्राफ को कैबिनेट में शामिल करने और महत्वपूर्ण विभाग देने की तैयारी है। अनुसूचित जाति का प्रतिनिधित्व बढ़ाने के लिए अर्जुन लाल बिलाड़ा, बाबू सिंह राठौड़ (शेरगढ़) और हमीर सिंह भायल को जगह मिल सकती है।
मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री के विभागों में कटौती संभव
सूत्र बताते हैं कि मुख्यमंत्री भजनलाल और उपमुख्यमंत्री दीया कुमारी के विभागों में भी कटौती की जा सकती है। इससे अनुभवी विधायकों को प्रमुख जिम्मेदारियां सौंपी जा सकेंगी।
पश्चिमी राजस्थान का बढ़ेगा प्रतिनिधित्व
पश्चिमी राजस्थान से अधिक प्रतिनिधित्व देने की योजना पर काम हो रहा है। रविंद्र सिंह भाटी के उभरने के बाद, क्षेत्र से अन्य प्रभावशाली नेताओं को भी मंत्रिमंडल में शामिल करने की चर्चा है।
शपथ ग्रहण और विभाग बंटवारे पर नजरें
सत्ता के गलियारों में मंत्रिमंडल के गठन और विभागों के बंटवारे को लेकर चर्चा तेज है। माना जा रहा है कि यह प्रक्रिया शपथ ग्रहण समारोह तक जारी रहेगी।
भाजपा के इस बड़े कदम से आगामी चुनावी रणनीति पर असर पड़ सकता है। अब देखना यह है कि यह फेरबदल राजस्थान की सियासत को किस दिशा में ले जाएगा।