✍️ वरिष्ठ पत्रकार ओमप्रकाश बोराणा
प्राचीन भारतीय संस्कृति में पूजा-पाठ के दौरान घंटी बजाने का विशेष महत्व है। चाहे मंदिर हो या घर का पूजा स्थल, घंटी की ध्वनि हर जगह श्रद्धा और पवित्रता का प्रतीक मानी जाती है। इन घंटियों में गरुड़ घंटी का स्थान अद्वितीय है। यह भगवान विष्णु की आराधना में विशेष उपयोग की जाती है और इसके पीछे गहरा धार्मिक और वैज्ञानिक आधार है।
गरुड़ घंटी का धार्मिक महत्व
धार्मिक ग्रंथों के अनुसार, जब सृष्टि की रचना हुई थी, तब जो नाद उत्पन्न हुआ, वही नाद गरुड़ घंटी से निकलने वाली ध्वनि से मिलता-जुलता है। हिंदू धर्म के सिद्धांत के अनुसार, ध्वनि से प्रकाश उत्पन्न होता है और प्रकाश से ध्वनि। इसी कारण पूजा स्थलों पर घंटी को महत्वपूर्ण स्थान दिया गया है। यह न केवल भगवान के प्रति आस्था को व्यक्त करता है, बल्कि वातावरण को पवित्र और सकारात्मक भी बनाता है।
घंटियों के प्रकार
घंटियां मुख्यतः चार प्रकार की होती हैं:
1. गरुड़ घंटी: भगवान विष्णु की पूजा में उपयोग की जाने वाली छोटी घंटी।
2. द्वार घंटी: मंदिर या घर के प्रवेश द्वार पर लटकी बड़ी घंटी।
3. हाथ घंटी: गोलाकार पीतल की घंटी, जिसे लकड़ी के गद्दे से बजाया जाता है।
4. घंटा: बड़े आकार की घंटी, जो मुख्य रूप से मंदिरों में स्थापित होती है।
गरुड़ घंटी बजाने के लाभ
1. पारिवारिक सुख और शांति: गरुड़ घंटी बजाने से परिवार के सदस्यों के बीच तालमेल बढ़ता है और आपसी प्रेम मजबूत होता है।
2. धन और समृद्धि: प्रतिदिन सुबह स्नान के बाद गरुड़ घंटी बजाने से मां लक्ष्मी की कृपा बनी रहती है। घर में धन-धान्य की कभी कमी नहीं होती।
3. रोगों से सुरक्षा: इसकी ध्वनि वातावरण में उपस्थित जीवाणुओं को नष्ट कर देती है, जिससे पर्यावरण शुद्ध और स्वास्थ्यवर्धक हो जाता है।
4. नकारात्मक ऊर्जा का नाश: गरुड़ घंटी की ध्वनि से नकारात्मक शक्तियां दूर होती हैं और सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।
5. मानसिक शांति: इसका नियमित उपयोग मानसिक तनाव को कम कर मन को शांति प्रदान करता है।
धार्मिक मान्यताएं
ऐसा माना जाता है कि भगवान विष्णु की पूजा में गरुड़ चिन्ह वाली घंटी का उपयोग करने से चंद्रायण व्रत का फल प्राप्त होता है। यह कई जन्मों के पापों का नाश करती है। यदि आपके जीवन में कोई रुकावट या समस्या है, तो शनिवार या मंगलवार को पीतल की घंटी दान करना अत्यंत शुभ माना गया है।
वैज्ञानिक दृष्टिकोण
गरुड़ घंटी की ध्वनि से उत्पन्न कंपन हवा में मौजूद सूक्ष्म जीवों को नष्ट कर देता है। इससे न केवल वातावरण शुद्ध होता है, बल्कि मानसिक स्वास्थ्य भी बेहतर होता है।
गरुड़ घंटी केवल धार्मिक अनुष्ठान का एक साधन नहीं है, बल्कि यह आत्मिक शांति, स्वास्थ्य, और सकारात्मकता का स्रोत भी है। इसे नियमित रूप से पूजा में शामिल करने से जीवन में सुख, समृद्धि और शांति बनी रहती है।
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