✍️ वरिष्ठ पत्रकार ओमप्रकाश बोराणा
रत्न केवल आभूषण नहीं, बल्कि हमारे स्वास्थ्य और मानसिक संतुलन के लिए वरदान साबित हो सकते हैं। ज्योतिष शास्त्र में रत्नों को ग्रहों की शक्तियों से जुड़ा बताया गया है और माना गया है कि सही रत्न पहनने से न केवल ग्रह दशा सुधरती है बल्कि कई शारीरिक और मानसिक रोग भी दूर होते हैं। आइए जानते हैं ऐसे ही 12 रत्न जो 12 प्रकार की बीमारियों और समस्याओं को जड़ से खत्म करने में सहायक हो सकते हैं।
🔷 1. ओनेक्स (Onyx): सांस की समस्या और निगेटिव एनर्जी का नाशक
पन्ना का यह उपरत्न वायुमंडल को शुद्ध करता है और श्वास संबंधी बीमारियों जैसे दमा, एलर्जी आदि में राहत देता है। इसे पहनने से घर की नकारात्मक ऊर्जा भी समाप्त होती है।
💎 2. स्फटिक (Sphatik): तनाव और चिड़चिड़ेपन को करता है शांत
“लव स्टोन” कहलाने वाला स्फटिक शुक्र ग्रह से जुड़ा है। यह मानसिक शांति देता है, चिंता, तनाव, उलझन और चिड़चिड़ेपन से मुक्ति दिलाता है।
🔮 3. जामुनिया (Amethyst): नींद और सिरदर्द के लिए लाभकारी
नीलम का यह उपरत्न सिरदर्द और मानसिक थकान में राहत देता है। यह बेहतर नींद, सुंदर स्वप्न और हड्डियों की मजबूती के लिए जाना जाता है।
🟡 4. सुनहला (Citrine): याददाश्त और एकाग्रता बढ़ाने वाला रत्न
गुरुवार को पहना जाने वाला यह रत्न मस्तिष्क की शक्ति, क्रिएटिविटी और फोकस को बढ़ाता है। विद्यार्थियों और कलाकारों के लिए विशेष रूप से उपयोगी।
🔷 5. लाजवर्त (Lapis Lazuli): माइग्रेन और इम्यूनिटी बूस्टर
यह ऐतिहासिक रत्न माइग्रेन से राहत दिलाता है। साथ ही यह इम्यून सिस्टम को भी मज़बूत करता है, जिससे वायरल बीमारियों से बचाव होता है।
🌈 6. ओपल (Opal): नई ऊर्जा और सिरदर्द से राहत
रचनात्मकता को बढ़ावा देने वाला ओपल रत्न पहनने से व्यक्ति को सिरदर्द और मानसिक थकान से छुटकारा मिलता है। यह ऊर्जा का संचार करता है।
🌟 7. पुखराज (Yellow Sapphire): हार्मोन संतुलन और यौवन बनाए रखने में सहायक
यह बृहस्पति से जुड़ा है। यह रत्न हार्मोन को संतुलित करता है और उम्र बढ़ने के प्रभाव को कम करता है। महिलाओं के लिए विशेष लाभकारी।
🟩 8. बैरूंज/एक्वामरीन (Aquamarine): पेट की समस्याओं का समाधान
यह पाचन क्रिया को मजबूत करता है। गैस, एसिडिटी जैसी पेट की समस्याएं इस रत्न के प्रभाव से काफी हद तक समाप्त हो जाती हैं।
💚 9. जेड (Jade): ग्रंथियों को संतुलित करने वाला और सिरदर्द निवारक
यह एड्रीनल ग्रंथि को नियमित करता है, खून को शुद्ध करता है और मानसिक स्पष्टता प्रदान करता है। बार-बार सिरदर्द होने पर यह बेहद लाभकारी है।
🟥 10. गोमेद (Hessonite): पीठ दर्द और कैल्शियम की कमी में लाभकारी
राहु दोष के निवारण हेतु पहना जाने वाला यह रत्न पीठ दर्द, हड्डियों की कमजोरी और टिश्यू रिजनरेशन में सहायता करता है।
🩸 11. ब्लडस्टोन (Bloodstone): ब्लड प्रेशर कंट्रोल और प्रतिरक्षा के लिए
ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करता है, खून का संचार ठीक करता है। सर्दी-जुकाम जैसी मौसमी बीमारियों से भी यह रक्षा करता है।
⚫ 12. एगेट/सुलेमानी (Agate): विषैले तत्वों को बाहर निकालता है
तनाव और डिप्रेशन में कारगर यह रत्न शरीर से विषैले तत्वों को बाहर करता है और मानसिक संतुलन बनाए रखता है।
नोट:
रत्न धारण करने से पहले किसी योग्य ज्योतिषाचार्य से परामर्श अवश्य करें। सही रत्न, सही धातु और उचित विधि से धारण करने पर ही यह पूर्ण फलदायक होता है।
प्राकृतिक रत्न सिर्फ सौंदर्यवर्धक गहने नहीं, बल्कि सेहत और मानसिक शांति के सशक्त माध्यम भी हैं। आज जब बीमारियां तेजी से बढ़ रही हैं, तब यह रत्न प्राकृतिक और आध्यात्मिक चिकित्सा का भी काम कर सकते हैं।
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