राजस्थान के टोंक जिले में देवली-उनियारा विधानसभा उपचुनाव के दौरान समरावता गांव में हुई आगजनी और उपद्रव के बाद शुरू हुआ आंदोलन अब तेज होता जा रहा है। समरावता संघर्ष समिति और स्थानीय ग्रामीणों ने प्रशासन और सरकार को स्पष्ट अल्टीमेटम दिया है कि उनकी मांगें पूरी न होने पर आर-पार की लड़ाई लड़ी जाएगी। इस आंदोलन को और बड़ा रूप देने के लिए 29 दिसंबर को नगरफोर्ट कस्बे में महापंचायत का आयोजन किया जाएगा, जिसमें लाखों लोगों के शामिल होने की संभावना है।

टोंक जिले में आगजनी और आंदोलन: महापंचायत की चेतावनी, मांगें पूरी न होने पर बड़ा कदम उठाने का अल्टीमेटम
महापंचायत का ऐलान और आंदोलन की प्रमुख मांगें
समरावता संघर्ष समिति के पदाधिकारी और सरपंच संघ के अध्यक्ष मुकेश मीना ने टोंक में मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि महापंचायत के जरिए आंदोलन को तेज किया जाएगा। उनकी प्रमुख मांगें हैं:
- निर्दलीय प्रत्याशी नरेश मीना और अन्य निर्दोष समर्थकों को तुरंत रिहा किया जाए।
- उपद्रव के दौरान ग्रामीणों को हुए आर्थिक नुकसान की भरपाई की जाए।
- वाहनों और मकानों की आगजनी की उचित मुआवजा राशि दी जाए।
- पूरे मामले की न्यायिक जांच करवाई जाए।
- निर्दोष लोगों पर दर्ज झूठे मुकदमे वापस लिए जाएं।
मुकेश मीना ने सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि अगर उनकी मांगें पूरी नहीं हुईं तो आगामी आंदोलन की जिम्मेदारी प्रशासन और सरकार की होगी।
13 नवंबर की घटना का विवरण
देवली-उनियारा विधानसभा उपचुनाव के दौरान समरावता गांव में एक बड़ा विवाद तब खड़ा हुआ, जब निर्दलीय प्रत्याशी नरेश मीना ने मतदान के दौरान एरिया मजिस्ट्रेट और मालपुरा उपखंड अधिकारी अमित चौधरी को थप्पड़ मार दिया। इसके बाद देर रात गांव में स्थिति तनावपूर्ण हो गई और हिंसा भड़क उठी।
गांव में पथराव, आगजनी और तोड़फोड़ की घटनाएं हुईं, जिनमें कई पुलिसकर्मी और ग्रामीण घायल हो गए। सैकड़ों दोपहिया और चारपहिया वाहन आग के हवाले कर दिए गए। इस घटना के बाद पुलिस ने तत्काल कार्रवाई करते हुए निर्दलीय प्रत्याशी नरेश मीना सहित करीब 60 लोगों को हिरासत में लिया।
न्यायिक प्रक्रिया और गिरफ्तारियां
घटना के बाद चार नाबालिगों सहित 60 लोगों को गिरफ्तार किया गया था। हालांकि, नाबालिगों को जमानत पर रिहा कर दिया गया है, लेकिन मुख्य आरोपी नरेश मीना और अन्य 40 लोग अभी भी जेल में बंद हैं। उनकी जमानत प्रक्रिया अभी लंबित है।
महापंचायत में शामिल होंगे लाखों लोग
समरावता संघर्ष समिति ने घोषणा की है कि 29 दिसंबर को नगरफोर्ट कस्बे में आयोजित महापंचायत में राजस्थान और मध्य प्रदेश से कई नेता, जनप्रतिनिधि और समाजबंधु शामिल होंगे। अनुमान है कि इस महापंचायत में करीब दो लाख लोग शामिल हो सकते हैं।
आंदोलन का प्रभाव और सरकार के सामने चुनौतियां
यह आंदोलन धीरे-धीरे बड़ा रूप ले रहा है और राज्य सरकार के लिए एक बड़ी चुनौती बनता जा रहा है। ग्रामीणों का कहना है कि सरकार ने अब तक उनकी मांगों को गंभीरता से नहीं लिया है। ऐसे में महापंचायत के बाद आंदोलन का और उग्र रूप लेने की संभावना है।
संघर्ष समिति का रुख और आगामी कदम
संघर्ष समिति ने स्पष्ट कर दिया है कि अगर सरकार ने उनकी मांगें पूरी नहीं कीं, तो वह व्यापक स्तर पर आंदोलन करेंगे। सरपंच संघ के अध्यक्ष ने कहा कि यह आंदोलन अब केवल समरावता गांव तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि पूरे राज्य में फैल सकता है।
सरकार के लिए अल्टीमेटम
समिति ने सरकार से 29 दिसंबर से पहले सभी मांगों को मानने की अपील की है। अगर ऐसा नहीं हुआ, तो महापंचायत के जरिए आंदोलन का स्वरूप और व्यापक होगा।