राजस्थान की उपमुख्यमंत्री दीया कुमारी ने प्रदेश में सड़क दुर्घटनाओं को कम करने और सड़कों की गुणवत्ता में सुधार लाने के लिए सार्वजनिक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) के अधिकारियों के साथ एक समीक्षा बैठक की। इस बैठक में उपमुख्यमंत्री ने अधिकारियों को कई अहम निर्देश दिए, जिनका उद्देश्य प्रदेश की सड़कों को सुरक्षित, पर्यावरण हितैषी, और जनता के लिए सुगम बनाना है।

Rajasthan News: डिप्टी सीएम दीया कुमारी ने पीडब्ल्यूडी की समीक्षा बैठक में दिए अहम निर्देश, सड़कों की गुणवत्ता और सुरक्षा पर विशेष ध्यान
सड़क सुरक्षा और सुधार पर जोर
दीया कुमारी ने सड़कों के दुर्घटना संभावित क्षेत्रों में विशेष अभियान चलाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि सड़कों की मरम्मत, अतिक्रमण हटाने, स्पीड ब्रेकर को सही करने, ज़ेब्रा क्रॉसिंग और साइनेज जैसे कार्यों को प्राथमिकता दी जाए। उपमुख्यमंत्री ने अधिकारियों से कहा कि वे नियमित रूप से फील्ड विजिट करें और सड़कों की गुणवत्ता की जांच करें।
उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि निरीक्षण की गई सड़कों की रिपोर्ट हर सात दिन में प्रस्तुत की जाए। यदि निरीक्षण के दौरान किसी सड़क की गुणवत्ता खराब पाई जाती है, तो संबंधित निरीक्षण अधिकारी की जिम्मेदारी तय की जाएगी।
पर्यावरण हितैषी सामग्री का उपयोग
सड़क निर्माण में पर्यावरण संरक्षण को प्राथमिकता देते हुए उपमुख्यमंत्री ने निर्देश दिया कि निर्माण कार्यों में पर्यावरण हितैषी सामग्री का उपयोग किया जाए। उन्होंने बायो-बिटुमिन का उपयोग कर एक सड़क को पायलट प्रोजेक्ट के रूप में विकसित करने के निर्देश दिए।
डीपीआर प्रक्रिया में सुधार
उपमुख्यमंत्री ने कहा कि बजट घोषणाओं और अन्य योजनाओं के तहत बनने वाले पुलों और सड़कों की डीपीआर (डिटेल्ड प्रोजेक्ट रिपोर्ट) सेंट्रलाइज्ड तरीके से बनाई जाए। स्थानीय स्तर पर डीपीआर तैयार करने में होने वाली देरी के कारण प्रोजेक्ट्स समय पर शुरू नहीं हो पाते, जिससे जनता को समय पर लाभ नहीं मिल पाता।
सड़क सुरक्षा के लिए अन्य कदम
दीया कुमारी ने सड़क सुरक्षा के लिए कई अन्य कदम उठाने पर जोर दिया:
- सड़कों पर दृश्यता बढ़ाने के लिए शोल्डर्स की जंगल क्लियरेंस।
- सड़कों पर अतिक्रमण हटाने के लिए जिला प्रशासन के साथ समन्वय।
- अनाधिकृत मीडियन कट को बंद करना।
- रोड साइनेज और लेन मार्किंग के कार्य को प्राथमिकता देना।
- जंक्शन्स पर कैट्स आई और रंबल स्ट्रिप्स लगाना।
- घुमंतू जानवरों की रोकथाम के लिए स्थानीय निकायों और एनजीओ के साथ समन्वय कर कालर रिफ्लेक्टर लगाना।
वर्षा से क्षतिग्रस्त सड़कों की मरम्मत
बैठक में उपमुख्यमंत्री ने बताया कि वर्षा से क्षतिग्रस्त सड़कों की स्थायी मरम्मत के लिए 964.43 करोड़ रुपये की वित्तीय स्वीकृति जारी की गई है। इस राशि का उपयोग 2,328 से अधिक कार्यों की मरम्मत के लिए किया जाएगा। इनमें सड़कें, पुल और अन्य संरचनाएं शामिल हैं।
अन्य निर्देश और योजनाएं
- सड़क मीडियन पर लगे पेड़ों की ऊंचाई को एक निश्चित सीमा तक छांटने का कार्य।
- नॉन-पेचेबल और पेचेबल सड़कों की गुणवत्ता की समीक्षा।
- बजट घोषणाओं के तहत चल रहे प्रोजेक्ट्स की प्रगति की निगरानी।