✍️ वरिष्ठ पत्रकार ओमप्रकाश बोराणा
नई दिल्ली। देशभर में भीषण गर्मी से झुलस रही जनता के लिए राहत भरी खबर आई है। मौसम विभाग ने पुष्टि की है कि इस वर्ष दक्षिण-पश्चिम मानसून ने निर्धारित समय से पहले ही अंडमान-निकोबार द्वीपसमूह और बंगाल की खाड़ी के कुछ हिस्सों में दस्तक दे दी है। यह मौसमी बदलाव न केवल पूर्वोत्तर भारत बल्कि समूचे देश के लिए अच्छी बारिश की उम्मीदों को बढ़ा रहा है।
मानसून की जल्द शुरुआत: क्या है इसका मतलब?
भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) के अनुसार, सामान्यतः दक्षिण-पश्चिम मानसून 15-20 मई के बीच अंडमान-निकोबार क्षेत्र में प्रवेश करता है, लेकिन इस बार यह प्रक्रिया पहले ही पूरी हो गई है। बंगाल की खाड़ी में भी नमी वाली हवाओं और बादलों की सक्रियता से यह स्पष्ट संकेत मिल रहे हैं कि मानसून अपने पारंपरिक मार्ग पर तेजी से आगे बढ़ रहा है।
विशेषज्ञों के अनुसार, बंगाल की खाड़ी में बने सिस्टम और दक्षिण-पूर्वी हवाओं की गति मानसून की प्रगति को गति दे रही है। अगले 3-5 दिनों के भीतर मानसून अंडमान सागर, दक्षिण-पश्चिम बंगाल की खाड़ी और दक्षिण-पूर्वी अरब सागर के और क्षेत्रों में आगे बढ़ सकता है।
देशभर में गर्मी के कहर के बीच राहत की उम्मीद
देश के कई हिस्सों में पारा 45 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच चुका है, जिससे जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हुआ है। उत्तर भारत, राजस्थान, दिल्ली, पंजाब, हरियाणा, और मध्य प्रदेश में गर्मी ने रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं। ऐसे में मानसून की जल्द शुरुआत एक बड़ी राहत के तौर पर देखी जा रही है।
कृषि क्षेत्र के लिए वरदान साबित हो सकता है समय से पूर्व मानसून
देश की कृषि अर्थव्यवस्था का बड़ा हिस्सा मानसून पर निर्भर करता है। समय से पहले मानसून का आगमन किसानों के लिए खुशखबरी लेकर आया है। यदि मानसून इसी गति से आगे बढ़ता है और जून के पहले सप्ताह तक केरल तट से टकरा जाता है, तो खरीफ की बुआई समय पर शुरू हो सकेगी। इससे धान, मक्का, सोयाबीन और अन्य फसलों की अच्छी पैदावार की उम्मीद की जा सकती है।
IMD ने दी चेतावनी – भारी बारिश के साथ हो सकती है बिजली गिरने की घटनाएं
मौसम विभाग ने चेतावनी दी है कि अंडमान-निकोबार क्षेत्र और पूर्वोत्तर राज्यों में तेज हवाओं के साथ भारी बारिश हो सकती है। साथ ही, बिजली गिरने की घटनाएं भी संभव हैं। लोगों को सतर्क रहने और मौसम विभाग के अपडेट्स पर नजर बनाए रखने की सलाह दी गई है।
नजरें टिकी हैं केरल पर – जल्द होगी घोषणा
अब सभी की नजरें केरल पर टिकी हुई हैं, जहां से मानसून की औपचारिक शुरुआत मानी जाती है। IMD के अनुसार, अगर मौसम की मौजूदा स्थिति बनी रहती है, तो केरल में भी इस बार मानसून 28 मई के आसपास दस्तक दे सकता है, जो सामान्य तारीख 1 जून से पहले है।
समय से पहले मानसून की दस्तक मौसम में बड़ी उलटफेर की ओर इशारा करती है। यह न केवल गर्मी से राहत देगा, बल्कि कृषि और जल संकट से जूझते क्षेत्रों के लिए भी वरदान साबित हो सकता है। हालांकि, इसके साथ कुछ जोखिम भी हैं, जैसे तेज बारिश, बिजली गिरना और तूफानी हवाएं, जिनके लिए सतर्क रहना आवश्यक है।
समय से पहले मानसून ने अंडमान-निकोबार और बंगाल की खाड़ी में दी दस्तक, देशभर में जल्द पहुंचेगा मानसून | राज्यवार विश्लेषण सहित बड़ी रिपोर्ट
✍️ वरिष्ठ पत्रकार ओमप्रकाश बोराणा
नई दिल्ली। देश के लिए बड़ी राहत की खबर सामने आई है। भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने पुष्टि की है कि दक्षिण-पश्चिम मानसून ने तय समय से पहले अंडमान-निकोबार द्वीपसमूह और बंगाल की खाड़ी में दस्तक दे दी है। विशेषज्ञों के अनुसार अगले कुछ दिनों में मानसून तेज़ी से आगे बढ़ेगा और भारत के विभिन्न राज्यों में समय से पहले या समय पर पहुंच सकता है। इससे पहले देश के कई हिस्सों में भीषण गर्मी ने कहर बरपाया हुआ है। आइए जानते हैं राज्यवार संभावित मानसून की प्रगति का पूरा विश्लेषण—
राज्यवार संभावित मानसून प्रगति का विश्लेषण
1. केरल
- संभावित आगमन: 28 से 30 मई के बीच
- स्थिति: मानसून केरल तट से टकराकर भारत में प्रवेश करता है। इस बार यह सामान्य से 2-3 दिन पहले ही दस्तक दे सकता है।
2. कर्नाटक, तमिलनाडु और आंध्र प्रदेश
- संभावित आगमन: 31 मई से 3 जून के बीच
- प्रभाव: इन दक्षिणी राज्यों में मानसून की अच्छी शुरुआत की संभावना है। किसानों को खरीफ की बुआई में लाभ होगा।
3. महाराष्ट्र (मुंबई, विदर्भ, मराठवाड़ा)
- संभावित आगमन: 5 से 10 जून के बीच
- स्थिति: मुंबई में जून के पहले सप्ताह में बारिश शुरू हो सकती है। विदर्भ और मराठवाड़ा में अच्छी प्री-मानसून गतिविधियां देखने को मिल सकती हैं।
4. ओडिशा, झारखंड और पश्चिम बंगाल
- संभावित आगमन: 6 से 10 जून के बीच
- स्थिति: बंगाल की खाड़ी में मानसूनी हवाएं सक्रिय हो चुकी हैं, जिससे पूर्वी भारत में समय पर मानसून पहुंचेगा।
5. मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़
- संभावित आगमन: 10 से 15 जून के बीच
- प्रभाव: मध्य भारत के ये राज्य अच्छी और समय पर वर्षा की उम्मीद कर सकते हैं, जिससे धान व सोयाबीन की खेती को फायदा होगा।
6. उत्तर प्रदेश और बिहार
- संभावित आगमन: 15 से 20 जून के बीच
- स्थिति: इन राज्यों में मानसून की प्रगति सामान्य मानी जा रही है। पूर्वी उत्तर प्रदेश में थोड़ी जल्दी बारिश हो सकती है।
7. राजस्थान
- संभावित आगमन: 20 से 25 जून के बीच
- विशेष: पूर्वी राजस्थान में मानसून जल्दी आ सकता है जबकि पश्चिमी राजस्थान (जैसे बाड़मेर, जैसलमेर) में मानसून सामान्य तिथि के आसपास पहुंचेगा। प्री-मानसून वर्षा जून के दूसरे सप्ताह में संभावित।
8. दिल्ली, हरियाणा और पंजाब
- संभावित आगमन: 25 से 30 जून के बीच
- स्थिति: उत्तर-पश्चिम भारत में मानसून का प्रवेश सामान्य समय पर ही होने की संभावना है। हालांकि, इन राज्यों में प्री-मानसून गरज-चमक के साथ वर्षा पहले ही शुरू हो सकती है।
9. गुजरात
- संभावित आगमन: 15 से 20 जून के बीच
- स्थिति: दक्षिण गुजरात में मानसून अपेक्षाकृत जल्दी आएगा, जबकि उत्तर गुजरात में सामान्य तारीख के आसपास।
10. उत्तर-पूर्व भारत (असम, मेघालय, मणिपुर, त्रिपुरा आदि)
- संभावित आगमन: 5 जून से पहले
- स्थिति: इन राज्यों में पहले ही प्री-मानसून वर्षा शुरू हो चुकी है और मानसून की सक्रियता बढ़ रही है। सामान्य से पहले ही अच्छी बारिश की संभावना है।
क्या हो सकता है प्रभाव?
- कृषि क्षेत्र में राहत: खरीफ फसलों की बुआई समय पर होने की उम्मीद।
- जल संकट में सुधार: जलाशयों में जल स्तर बढ़ने की संभावना।
- गर्मी से राहत: 45 डिग्री तक पहुंचे तापमान से परेशान लोगों को राहत मिलेगी।
- चुनौती भी कम नहीं: समय से पहले मानसून के साथ तूफानी हवाएं, बिजली गिरना, और अचानक भारी वर्षा की घटनाएं भी बढ़ सकती हैं।
समय से पहले मानसून का आगमन पूरे भारत के लिए राहत की खबर लेकर आया है। मौसम विभाग की भविष्यवाणी के अनुसार देश के अधिकांश हिस्सों में मानसून समय पर या उससे पहले पहुंचेगा। इससे खेती, पर्यावरण और लोगों के जीवन पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। हालांकि, इसके साथ जुड़ी चुनौतियों के लिए प्रशासन और आमजन को तैयार रहना होगा।