बच्चे देश के कर्णधार है उन्हें बाल साहित्य से जोड़ना आज की महती आवश्यकता है : डॉ देशवाळी
मीरा नगरी में बाल साहित्य पर चर्चा का आयोजन
मेड़ता सिटी। अच्छा बाल साहित्य पढ़कर ही बच्चे संस्कारवान बनते हैं उक्त उद्गार वरिष्ठ बाल साहित्य लेखक अब्दुल समद राही ने अपने मेड़ता प्रवास के दौरान एक निजी होटल में आयोजित बाल साहित्य पर चर्चा करते हुए व्यक्त किए उन्होंने कहा कि आजकल बच्चे मोबाइल में उलझे हुए हैं उन्हें बाल साहित्य से दूर रखा जा रहा है आने वाले समय में इसका खामियाजा माता पिता को भुगतना पड़ेगा। वरिष्ठ राजस्थानी साहित्यकार डॉ काळू खां देशवाळी ने कहा कि बच्चे देश के कर्णधार है उन्हें बाल साहित्य से जोड़ना आज की महती आवश्यकता है वहीं साहित्यकार नथमल शर्मा कौशिक ने कहा कि प्रेरणादायक बाल साहित्य बच्चों के भविष्य का निर्माण करता है। रिहाना रानू ने कहा कि बाल साहित्य बच्चों के लिए रोचक व ज्ञानवर्धक होता है जिससे हम खेल खेल में बहुत कुछ सीखा सकते है। सीमा परवीन ने कहा कि बाल साहित्य का मुख्य उद्देश्य बच्चों का मनोरंजन करना ही नहीं बल्कि मनोरंजन के साथ उनका चरित्र निर्माण करना भी है। कार्यक्रम में कार्टूनिस्ट चांद मोहम्मद घोसी श्याम सुंदर शिखवाल नंदू श्री मंत्री, हाजी बक्सू खां आदि कई गणमान्य जन उपस्थित थे।कार्यक्रम के आरंभ में मेड़ता के साहित्यकारों द्वारा शबनम साहित्य परिषद के अध्यक्ष प्रबंध निदेशक अब्दुल समद रही मंत्री रिहाना रानू व सदस्य सीमा परवीन का माल्यार्पण कर भव्य किया। कार्यक्रम का सरस संचालन डॉ काळू खां देशवाळी ने किया व आभार की रस्म नथमल शर्मा कौशिक ने अदा की।