अकरम खान की रिपोर्ट।
पाली। पश्चिमी राजस्थान के प्रसिद्ध और विशाल मेलों में शामिल हजरत पीर दुल्हेशाह बाबा रह.अ. दरगाह, चोटिला का तीन दिवसीय उर्स 21 अक्टूबर 2025 से विधिवत रूप से आरंभ होकर श्रद्धा और उत्साह के वातावरण में आज सम्पन्न होगा।

ग्राम चोटिला में तीन दिन तक एक विशाल टेंट नगरी बस गई, जहाँ पाली, जोधपुर, सोजत, जालौर सहित दूर-दूर से हजारों जायरीन अपनी अकीदत के फूल पेश करने पहुँचे। जायरीन अस्थायी टेंटों में ठहरकर उर्स मेले की रौनक का आनंद लेते रहे।

मेले में झूलों, खाने-पीने की दुकानों, चूड़ी-कंगन, खिलौनों और अन्य वस्तुओं की सजीव बाजार में रौनक देखने लायक रही। तीनों दिनों में हजारों लोगों ने लाखों की खरीदारी करते हुए मेले का आनंद लिया।

21 अक्टूबर को तकरीर का आयोजन हुआ, जबकि कल 22 अक्टूबर की रात दिल्ली के प्रसिद्ध कव्वाल अमान साबरी और जोधपुर के पगड़ीबंध कव्वाल इरफान तुफैल ने सुफियाना कव्वालियों से समां बाँध दिया। उनकी प्रस्तुतियों ने उपस्थित हजारों श्रद्धालुओं से खूब दाद बटोरी।

आज 23 अक्टूबर को उर्स मेले का अंतिम दिन है। इस अवसर पर रस्साकशी, दौड़ और साफा बाँधने जैसी पारंपरिक प्रतियोगिताएँ आयोजित की जा रही हैं, जिनमें ग्रामीणों और युवाओं का विशेष उत्साह देखने को मिल रहा है।

इस वर्ष के मेले में मुख्य अतिथि के रूप में उत्तर प्रदेश के सहारनपुर से सांसद इमरान मसूद उपस्थित रहे। उनके साथ पाली लोकसभा कांग्रेस प्रत्याशी संगीता बेनीवाल, पाली विधायक भीमराज भाटी,पाली जिला काँग्रेस अध्यक्ष अजीज दर्द, पाली मुस्लिम समाज के सदर हकीम भाई सहित क्षेत्र के कई गणमान्य व्यक्ति भी मौजूद रहे।
दरगाह कमेटी के सदर अमजद अली ने सभी अतिथियों का साफा और माला पहनाकर स्वागत किया।

मेला संयोजक नूर अली रंगरेज ने बताया कि मेले की तैयारियाँ लगभग एक माह पूर्व से प्रारंभ कर दी जाती हैं। दरगाह कमेटी के सदर अमजद अली, हाजी मेहबूब बाली, जिशान अली सहित चोटिला दरगाह कमेटी सदस्यो एवं स्थानीय गणमान्य लोगों कि मेहनत और सहयोग से मेले का सफल आयोजन किया गया।
यह तीन दिवसीय उर्स न केवल अकीदत और आस्था का प्रतीक रहा, बल्कि सामाजिक एकता और भाईचारे का संदेश भी देता नजर आया।