
♦️ प्रॉस्टेट (पौरुष ग्रंथि) क्या है?
प्रॉस्टेट पुरुषों की मूत्र प्रणाली का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, जो मूत्राशय के नीचे और मूत्र नलिका के चारों ओर स्थित होती है। यह ग्रंथि उम्र बढ़ने के साथ हार्मोन्स के असंतुलन के कारण बढ़ सकती है, जिसे पौरुष ग्रंथि वृद्धि या बेनाइन प्रोस्टेटिक हाइपरप्लासिया (BPH) कहते हैं।
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इस रोग के कारण:
1. हार्मोनल असंतुलन: उम्र बढ़ने के साथ टेस्टोस्टेरोन और एस्ट्रोजन हार्मोन का संतुलन बिगड़ने से प्रॉस्टेट का आकार बढ़ता है।
2. मूत्र नलिका पर दबाव: प्रॉस्टेट के बढ़ने से मूत्र नलिका पर दबाव पड़ता है, जिससे मूत्र त्याग में समस्याएं उत्पन्न होती हैं।
3. जीवनशैली और आहार: अस्वास्थ्यकर आहार और सक्रिय जीवनशैली की कमी इस रोग के जोखिम को बढ़ा सकती है।
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लक्षण:
1. पेशाब बार-बार आना।
2. पेशाब करने में जलन या देरी।
3. मूत्र की धार पतली होना।
4. पेशाब बूंद-बूंद करके आना।
5. रात में बार-बार उठकर पेशाब जाना।
6. मूत्राशय में पूर्ण खाली न होने का एहसास।
7. गंभीर मामलों में, मूत्र मार्ग पूरी तरह बंद हो सकता है।
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प्रॉस्टेट बढ़ने के जटिल परिणाम:
किडनी पर प्रभाव: समय पर इलाज न होने पर किडनी फेल होने का खतरा।
मूत्र मार्ग में संक्रमण: बार-बार यूटीआई की समस्या।
मूत्राशय में पथरी: मूत्राशय में पत्थर बनने की संभावना।
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आयुर्वेदिक उपचार:
प्रॉस्टेट की वृद्धि के लिए आयुर्वेद में प्रभावी और सुरक्षित उपाय मौजूद हैं।
1. गोक्षरू और वरुण चूर्ण:
एक-एक चम्मच सुबह और शाम पानी के साथ।
2. अश्वगंधा, मधुयष्टि और आंवला चूर्ण:
आधा-आधा चम्मच दूध के साथ सुबह-शाम।
3. यूरिन पाउडर और ब्लैक सिरप:
मूत्र मार्ग खोलने और जलन कम करने में मददगार।
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आयुर्वेदिक उपचार का परिणाम:
78 वर्षीय रामचेत जी के पिताजी का उदाहरण इसका प्रमाण है।
समस्या: वर्षों से बढ़े हुए प्रॉस्टेट और मूत्र मार्ग बंद होने की समस्या।
इलाज: आयुर्वेदिक दवाओं से मात्र 7 दिनों में सुधार हुआ।
परिणाम: मूत्र मार्ग खुल गया, ऑपरेशन की जरूरत नहीं पड़ी, और जीवनशैली में सुधार आया।
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*सावधानियां और परहेज:*
1. तला-भुना और मसालेदार भोजन न करें।
2. पानी का पर्याप्त सेवन करें।
3. शराब और तंबाकू से दूर रहें।
4. डॉक्टर की नियमित सलाह लें।
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प्रॉस्टेट का बढ़ना एक सामान्य समस्या है, लेकिन इसे नजरअंदाज करना गंभीर परिणाम दे सकता है। आयुर्वेदिक उपचार और स्वस्थ जीवनशैली से इसे नियंत्रित किया जा सकता है। यदि आपको भी ऐसी समस्या है, तो तुरंत विशेषज्ञ से सलाह लें और उचित आयुर्वेदिक इलाज अपनाएं।
सभी स्वस्थ रहें, सुखी रहें।