प्रतापगढ़ में जिला कांग्रेस कमेटी ने केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के इस्तीफे की मांग और संविधान निर्माता डॉक्टर भीमराव आंबेडकर के सम्मान में पैदल मार्च का आयोजन किया। यह मार्च कांग्रेस जिला अध्यक्ष भानु प्रताप सिंह राणावत के नेतृत्व में अंबेडकर सर्किल से मिनी सचिवालय तक निकाला गया। मार्च में कांग्रेस कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों ने बड़ी संख्या में भाग लिया और अमित शाह के खिलाफ जमकर नारेबाजी की।
अंबेडकर सर्किल से शुरू हुआ मार्च
मार्च की शुरुआत अंबेडकर सर्किल पर बाबा साहब की प्रतिमा पर माल्यार्पण के साथ हुई। कांग्रेस कार्यकर्ता बाबा साहब के सम्मान में और अमित शाह के इस्तीफे की मांग को लेकर जोरदार नारे लगा रहे थे। उन्होंने गृहमंत्री पर आरोप लगाया कि संसद में दिए गए उनके बयान से बाबा साहब और संविधान का अपमान हुआ है।

केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के इस्तीफे की मांग, कांग्रेस ने भीमराव आंबेडकर के सम्मान में निकाला पैदल मार्च
कांग्रेस ने सौंपा ज्ञापन
मार्च मिनी सचिवालय पहुंचा, जहां कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने राष्ट्रपति के नाम कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा। इस ज्ञापन में अमित शाह के बयान की कड़ी निंदा करते हुए उनके इस्तीफे की मांग की गई। इस दौरान जिला कांग्रेस अध्यक्ष भानु प्रताप सिंह राणावत ने कहा,
“जब से केंद्र में नरेंद्र मोदी सरकार आई है, तब से दलितों पर अत्याचार बढ़ गए हैं। संविधान को बदलने की बात की जा रही है, जो देश की जनता कभी स्वीकार नहीं करेगी। अमित शाह को आंबेडकर पर अनर्गल बयान देने के लिए पूरे देश से माफी मांगनी चाहिए।”
कांग्रेस का आरोप: संविधान खतरे में
भानु प्रताप सिंह राणावत ने आगे कहा कि बाबा साहब भीमराव आंबेडकर द्वारा रचित संविधान को कमजोर करने की कोशिश की जा रही है। उन्होंने चेतावनी दी कि कांग्रेस पार्टी इस मुद्दे पर कोई समझौता नहीं करेगी और देशभर में विरोध प्रदर्शन जारी रहेगा।
धौलपुर में भी हुआ विरोध प्रदर्शन
प्रतापगढ़ के अलावा धौलपुर में भी अमित शाह के बयान के खिलाफ कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने गांधी पार्क में बैठक की और विरोध प्रदर्शन किया। इस दौरान कलेक्ट्रेट कार्यालय तक रैली निकाली गई और SDM को राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन दिया गया। राजाखेड़ा विधानसभा क्षेत्र के कांग्रेस विधायक रोहित बोहरा ने कहा कि कांग्रेस बाबा साहब पर की गई इस टिप्पणी की कड़ी निंदा करती है।
देशभर में प्रदर्शन
अमित शाह के इस कथित बयान के खिलाफ कांग्रेस पूरे देश में विरोध कर रही है। कांग्रेस का दावा है कि यह बयान न केवल संविधान का अपमान है, बल्कि दलित समाज के प्रति सरकार के रवैये को भी उजागर करता है।