✍️ वरिष्ठ पत्रकार ओमप्रकाश बोराणा
टोंक जिले से आई बालिका जनाना अस्पताल में भर्ती, गंभीर हालत में ऑक्सीजन सपोर्ट पर जारी है इलाज, डॉक्टरों ने बताया खतरे से बाहर
जयपुर के जनाना अस्पताल में 12 साल की नाबालिग बालिका ने एक मृत शिशु को जन्म दिया, जो बाल विवाह और नाबालिग गर्भावस्था की जटिलताओं को उजागर करता है। टोंक जिले की रहने वाली इस बालिका को गंभीर हालत में अस्पताल लाया गया था। डॉक्टरों के अनुसार, डिलीवरी के दौरान बालिका की स्थिति बेहद नाजुक हो गई थी, लेकिन इलाज के बाद अब वह खतरे से बाहर है।
बालिका की हालत और इलाज
अस्पताल प्रशासन के अनुसार, बालिका को डिलीवरी के तुरंत बाद ऑक्सीजन सपोर्ट पर रखा गया। उसकी उम्र और शारीरिक स्थिति को देखते हुए यह मामला बेहद संवेदनशील है। जनाना अस्पताल की सीनियर गायनेकोलॉजिस्ट ने बताया कि इतनी कम उम्र में गर्भावस्था कई शारीरिक और मानसिक जटिलताओं को जन्म देती है, जिससे मां और बच्चे दोनों को खतरा होता है।
बाल विवाह और नाबालिग गर्भावस्था का मामला
प्रारंभिक जांच में यह स्पष्ट हुआ है कि बालिका का विवाह नाबालिग अवस्था में ही कर दिया गया था। पुलिस और बाल अधिकार संगठनों ने इस मामले को गंभीरता से लिया है। पुलिस ने टोंक जिले में बालिका के परिवार और ससुराल वालों से पूछताछ शुरू कर दी है। बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने इस मामले में हस्तक्षेप करते हुए दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की मांग की है।
डॉक्टरों की चेतावनी
डॉक्टरों ने इस घटना को समाज के लिए एक चेतावनी बताया है। उन्होंने कहा कि नाबालिगों में गर्भावस्था से शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य पर गहरा प्रभाव पड़ता है। डॉक्टरों ने बाल विवाह और नाबालिग गर्भावस्था के खिलाफ सख्त कदम उठाने की आवश्यकता पर जोर दिया।
सरकार और सामाजिक संगठनों की प्रतिक्रिया
इस घटना के बाद राज्य सरकार और सामाजिक संगठनों ने बाल विवाह के खिलाफ जागरूकता अभियान तेज करने की योजना बनाई है। महिला और बाल विकास विभाग के अधिकारियों ने जनाना अस्पताल जाकर पीड़ित बालिका का हाल जाना और परिवार को हर संभव मदद का आश्वासन दिया।
यह घटना न केवल बाल विवाह और नाबालिग गर्भावस्था के खतरों को उजागर करती है, बल्कि समाज के लिए एक गंभीर चेतावनी भी है। इस मामले में कानून लागू करने वाले और सामाजिक संगठनों की भूमिका बेहद अहम होगी ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं रोकी जा सकें।