✍️ वरिष्ठ पत्रकार ओमप्रकाश बोराणा

सोजत। बीकानेर,देश के कई राज्यों में शीतलहर का प्रकोप बढ़ता जा रहा है। कड़ाके की ठंड और गिरते तापमान के कारण आम जनजीवन प्रभावित हो रहा है। इसी को ध्यान में रखते हुए शिक्षा विभाग ने एक बड़ा निर्णय लिया है। विभाग ने सभी जिला कलेक्टरों को यह अधिकार दिया है कि वे स्थानीय परिस्थितियों को देखते हुए स्कूलों में अवकाश घोषित कर सकते हैं।
शीतलहर का प्रकोप और छात्र सुरक्षा
शीतलहर के चलते सुबह के समय बच्चों को स्कूल जाना मुश्किल हो रहा है। तापमान में गिरावट के कारण छोटे बच्चे सर्दी और अन्य मौसमी बीमारियों की चपेट में आ सकते हैं। इसे ध्यान में रखते हुए शिक्षा विभाग ने यह निर्णय लिया कि जिला कलेक्टर, स्थानीय मौसम की स्थिति का आकलन कर स्कूलों को बंद रखने का आदेश जारी कर सकते हैं।
राज्यों में अलर्ट जारी
उत्तर भारत के राज्यों जैसे राजस्थान, उत्तर प्रदेश, बिहार, पंजाब, और हरियाणा में शीतलहर का प्रकोप अधिक है। मौसम विभाग ने आने वाले दिनों में और अधिक ठंड बढ़ने की संभावना जताई है। राजस्थान के कुछ जिलों में पारा शून्य के आसपास पहुंच गया है, जिससे लोगों का जीवन प्रभावित हो रहा है।
शिक्षा विभाग का निर्णय
शिक्षा विभाग के सचिव ने बताया, “जिला कलेक्टरों को यह निर्देश दिया गया है कि वे मौसम विभाग की रिपोर्ट और स्थानीय स्थिति का विश्लेषण करते हुए निर्णय लें। प्राथमिक और माध्यमिक विद्यालयों में बच्चों की सुरक्षा प्राथमिकता है।”
अभिभावकों की चिंता
बढ़ती ठंड को देखते हुए अभिभावक भी चिंतित हैं। वे चाहते हैं कि बच्चों को सर्दी के इस मौसम में अनावश्यक जोखिम से बचाया जाए। कई जगहों पर अभिभावकों ने स्कूल बंद रखने की मांग की है।
जनता से अपील
प्रशासन ने जनता से अपील की है कि वे मौसम की स्थिति को ध्यान में रखते हुए अपने बच्चों को गर्म कपड़े पहनाएं और ठंड से बचने के उपाय करें। साथ ही, शीतलहर के दौरान आवश्यकतानुसार ही घर से बाहर निकलने की सलाह दी गई है।
शीतलहर के मद्देनजर शिक्षा विभाग का यह निर्णय स्वागत योग्य है। बच्चों की सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए इस प्रकार के निर्णय समय पर लिए जाने चाहिए। उम्मीद है कि जिला कलेक्टरों के निर्देश से ठंड के इस मौसम में छात्रों और उनके परिवारों को राहत मिलेगी।
(यह खबर शीतलहर के मौजूदा हालात और सरकारी कदमों पर आधारित है। नई अपडेट के लिए जुड़े रहें।)