सोजत न्यूज़ वरिष्ठ पत्रकार ओमप्रकाश बोराणा
सोजत नगर। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा द्वारा पशुपालकों को राहत देने के लिए किए गए बड़े-बड़े दावे सोजत में खोखले साबित हो रहे हैं। सरकार की ओर से पशुओं की हिफाजत के लिए टीन शेड बनाने और पशुपालकों को ₹1,00,000 की आर्थिक सहायता देने की घोषणा की गई थी। लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही है।
बैंकों से नहीं मिल रहा ऋण, परेशान पशुपालक
पशुपालकों को बैंकों से ऋण दिलाने का वादा किया गया था, जिससे वे अपने पशुओं की देखभाल के लिए टीन शेड बना सकें। लेकिन बैंकों से ऋण प्रक्रिया में अड़चनें और सरकारी योजनाओं का लाभ न मिलने से पशुपालकों की समस्याएं बढ़ती जा रही हैं।
घोषणा बनी दिखावा
मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने घोषणा की थी कि पशुपालकों को उनके पशुओं की देखभाल के लिए वित्तीय सहायता दी जाएगी। लेकिन यह योजना अब तक अमल में नहीं आ पाई है। सोजत नगर में कई पशुपालक इस सहायता के इंतजार में हैं, लेकिन उन्हें न तो ऋण मिल रहा है और न ही आर्थिक सहयोग।
पशुपालकों का दर्द
सोजत के पशुपालकों ने बताया कि बारिश और ठंड के मौसम में उनके पशुओं को सुरक्षित रखने के लिए टीन शेड की आवश्यकता है। लेकिन सरकारी सहायता नहीं मिलने से वे मजबूरी में अपने सीमित संसाधनों का उपयोग कर रहे हैं।
एक पशुपालक, रामलाल ने बताया, “सरकार ने मदद का भरोसा दिया था, लेकिन बैंक ऋण देने को तैयार नहीं हैं। हम कैसे अपने पशुओं की सुरक्षा करेंगे?”
प्रशासन की चुप्पी पर सवाल
स्थानीय प्रशासन भी इस मुद्दे पर चुप्पी साधे हुए है। पशुपालकों का कहना है कि सरकार ने बड़े वादे किए थे, लेकिन अब तक उनकी समस्याओं का समाधान नहीं हुआ।
पशुपालकों की मांग
पशुपालकों ने सरकार से मांग की है कि उन्हें तत्काल ऋण सुविधा उपलब्ध कराई जाए और सहायता राशि सीधे उनके खातों में दी जाए। साथ ही, प्रशासन को इस योजना को लागू करने के लिए गंभीर कदम उठाने चाहिए।
सरकार के खोखले दावे और प्रशासन की निष्क्रियता के चलते सोजत के पशुपालक खुद को ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं। यह मुद्दा सरकार की योजनाओं के क्रियान्वयन में हो रही खामियों को उजागर करता है।