✍️ वरिष्ठ पत्रकार ओमप्रकाश बोराणा
जयपुर: राजस्थान विधानसभा के 16वीं विधानसभा के तीसरे सत्र की कार्यवाही मंगलवार को भी जारी रही। इस दौरान प्रश्नकाल में कई अहम मुद्दों पर चर्चा हुई, जिनमें औद्योगिक भूखंडों का आवंटन, मुख्यमंत्री कन्यादान योजना, किसानों की ऋण माफी और फसल मुआवजे से जुड़े सवाल उठाए गए। विपक्ष और सत्ता पक्ष के बीच तीखी बहस भी देखने को मिली।
डीडवाना औद्योगिक क्षेत्र में भूखंड आवंटन पर चर्चा
विधानसभा सत्र की शुरुआत प्रश्नकाल से हुई, जिसमें डीडवाना औद्योगिक क्षेत्र में रीको द्वारा भूखंड आवंटन को लेकर विधायक यूनुस खान ने सवाल उठाया। इस पर मंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौड़ ने जवाब देते हुए कहा कि 2017 में इसे सेमी-डेवलप घोषित किया गया था। उन्होंने बताया कि खाली भूखंडों को नोटिस भेजे जा चुके हैं और जल्द ही पानी-बिजली की सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी।
मुख्यमंत्री कन्यादान योजना पर सवाल-जवाब
पीलीबंगा विधानसभा क्षेत्र से विधायक विनोद कुमार ने मुख्यमंत्री कन्यादान योजना से लाभान्वित परिवारों की स्थिति पर सवाल उठाया। इस पर मंत्री अविनाश गहलोत ने जानकारी देते हुए बताया कि 541 आवेदन प्राप्त हुए थे, जिनमें से 511 को योजना का लाभ दिया गया, जबकि 30 आवेदन निरस्त किए गए।
किसानों की ऋण माफी और ऋण वितरण पर बहस
किशनगंज विधानसभा क्षेत्र में किसानों की ऋण माफी को लेकर विधायक ललित मीणा ने सवाल किया कि 2018 से 2023 तक भूमि विकास बैंक ने कोई ऋण क्यों नहीं दिया और सरकार आगे ऋण देने की योजना बना रही है या नहीं? इस पर मंत्री गौतम कुमार दक ने कहा कि वसूली 25% से भी कम है, इसलिए नए लाभार्थियों को ऋण वितरण में शामिल नहीं किया गया। हालांकि, उन्होंने बताया कि अब तक 300 से अधिक किसानों को डेढ़ लाख तक का ऋण दिया जा चुका है।
‘सदन के बाहर के व्यक्ति का नाम न लें’ – विधानसभा अध्यक्ष का निर्देश
सत्र के दौरान जैसे ही पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे का नाम लिया गया, तो विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी ने हस्तक्षेप करते हुए कहा कि जो व्यक्ति सदन का सदस्य नहीं है, उनका नाम नहीं लिया जाए। इस पर विपक्ष ने अडानी को कोयला ब्लॉक आवंटन की जांच की मांग की, जिस पर मंत्री हीरालाल नागर ने कहा कि इंडिपेंडेंट एजेंसी पहले से ही जांच कर रही है, और यह प्रक्रिया त्रिस्तरीय होती है।
RTE के तहत निजी विद्यालयों में प्रवेश पर सवाल
विधायक घनश्याम महर ने RTE के तहत निजी स्कूलों में प्रवेश प्रक्रिया पर सवाल उठाते हुए कहा कि इसमें बड़े पैमाने पर फर्जीवाड़ा हो रहा है। इस पर शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने साफ किया कि ऐसा कोई फर्जीवाड़ा नहीं हो रहा और पूरी प्रक्रिया पारदर्शी तरीके से चलाई जा रही है।
फसल मुआवजे और कृषि अनुदान को लेकर असंतोष
पीपलदा विधानसभा क्षेत्र के विधायक चेतन पटेल ने अतिवृष्टि के कारण किसानों को हुए नुकसान पर सरकार की प्रतिक्रिया मांगी। मंत्री ओटाराम देवासी ने जवाब देते हुए कहा कि अब तक 25,418 हेक्टेयर में फसल खराब होने की रिपोर्ट दर्ज की गई है। उन्होंने बताया कि प्रभावित किसानों को कृषि अनुदान देने की प्रक्रिया चल रही है और सरकार जल्द ही राहत राशि वितरित करेगी।
राजस्थान विधानसभा के तीसरे सत्र की कार्यवाही में कई अहम मुद्दों पर चर्चा हुई और सत्ता पक्ष एवं विपक्ष के बीच तीखी बहस देखने को मिली। विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी द्वारा सदन के बाहर के लोगों का नाम न लेने का निर्देश भी चर्चा का विषय बना। अब देखना होगा कि सरकार इन मुद्दों पर आगे क्या ठोस कदम उठाती है और किसानों एवं आमजन को कितना लाभ मिलता है।