
✍️ वरिष्ठ पत्रकार ओमप्रकाश बोराणा
नई दिल्ली:
दिल्ली में आज (सोमवार) को नया मुख्यमंत्री तय हो जाएगा। इसके लिए भाजपा ने दोपहर में विधायक दल की बैठक बुलाई है। दिल्ली भाजपा अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने इस बैठक की जानकारी दी है।
भाजपा ने इस बार 70 में से 48 सीटें जीतकर 26 साल बाद सत्ता में वापसी की है। पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा पहले ही साफ कर चुके हैं कि मुख्यमंत्री निर्वाचित विधायकों में से ही होगा। सूत्रों के अनुसार, नई सरकार 18 फरवरी को शपथ ले सकती है।
भाजपा ने इस चुनाव में 71% सीटें जीतकर पूर्ण बहुमत हासिल किया है। ऐसे में शपथ ग्रहण समारोह एक भव्य आयोजन हो सकता है, जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय कैबिनेट के मंत्री और भाजपा के वरिष्ठ नेता शामिल होंगे। इसके अलावा, भाजपा और एनडीए शासित 21 राज्यों के मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री भी इस कार्यक्रम में मौजूद रह सकते हैं।
दिल्ली में भाजपा की ऐतिहासिक जीत और AAP की हार
दिल्ली विधानसभा चुनाव के नतीजों के बाद अब देश के 28 राज्यों और तीन केंद्र शासित प्रदेशों में से 21 में भाजपा या एनडीए की सरकार हो गई है। यह आंकड़ा 2018 की स्थिति के बराबर है, जब भाजपा 21 राज्यों में सत्ता में थी।
इस बार आम आदमी पार्टी (AAP), जिसने 2015 और 2020 के चुनावों में 60 से ज्यादा सीटें जीती थीं, सिर्फ 22 सीटों पर सिमट गई है। वहीं, कांग्रेस लगातार तीसरी बार एक भी सीट नहीं जीत सकी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के तीसरी बार सत्ता में आने के बाद हुए आठ राज्यों के चुनावों में से पांच में भाजपा या एनडीए ने जीत दर्ज की है। इनमें आंध्र प्रदेश, अरुणाचल प्रदेश, ओडिशा, हरियाणा और महाराष्ट्र शामिल हैं।
मुख्यमंत्री पद की रेस में ये 6 बड़े नाम
भाजपा हमेशा मुख्यमंत्री के नाम को लेकर चौंकाने वाले फैसले लेती रही है। पार्टी ने संगठन के पुराने चेहरों को प्रदेश की कमान सौंपी है। हालांकि, इस बार मुख्यमंत्री पद की दौड़ में 6 प्रमुख नाम सबसे आगे हैं। सूत्रों के अनुसार, पार्टी ने पहले 15 नामों पर विचार किया था, जिनमें से 9 को शॉर्टलिस्ट किया गया है। इन्हीं में से मुख्यमंत्री, कैबिनेट मंत्री और विधानसभा स्पीकर के नाम तय किए जाएंगे।
1. रविंद्र इंद्रराज सिंह (पंजाबी दलित नेता)
रविंद्र इंद्रराज सिंह पंजाबी दलित समुदाय से आते हैं और पहली बार विधायक बने हैं। भाजपा ने अभी तक किसी दलित नेता को मुख्यमंत्री नहीं बनाया है, जबकि कांग्रेस और AAP भी इस मामले में पीछे रही हैं। दलित वोट बैंक को साधने के लिए भाजपा उन्हें मुख्यमंत्री बना सकती है।
2. शिखा राय (महिला मुख्यमंत्री की संभावित दावेदार)
शिखा राय ग्रेटर कैलाश वार्ड से दूसरी बार पार्षद बनी हैं और इस बार उन्होंने AAP के मंत्री सौरभ भारद्वाज को हराया है। भाजपा पर अक्सर महिला विरोधी होने का आरोप लगता रहा है, ऐसे में शिखा राय को मुख्यमंत्री बनाकर भाजपा इस धारणा को बदल सकती है।
3. प्रवेश वर्मा (जाट नेता, पूर्व सांसद)
प्रवेश वर्मा, पूर्व मुख्यमंत्री साहिब