घोड़ेला कानोड़िया बाल साहित्य सम्मान से विभूषित
कोलकाता में आयोजित हुआ सम्मान समारोह

वरिष्ठ पत्रकार अब्दुल समद राही
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लूणकरणसर, 2 मार्च। अखिल भारतवर्षीय मारवाड़ी सम्मेलन, कोलकाता की ओर से प्रतिष्ठित केदारनाथ भागीरथी देवी कानोड़िया राजस्थानी बाल साहित्य सम्मान वरिष्ठ कवि, कहानीकार और बाल साहित्य लेखक रामजीलाल घोड़ेला को कोलकाता में अर्पित किया गया। लूणकरणसर के मूल निवासी घोड़ेला ख्यातनाम ‘सरोकार’ मंच के वरिष्ठ सदस्य हैं।
सम्मेलन के राष्ट्रीय महामंत्री कैलाशपति तोदी के अनुसार कोलकाता स्थित हिंदुस्तान क्लब में आयोजित इस समारोह की अध्यक्षता मारवाड़ी सम्मेलन के राष्ट्रीय अध्यक्ष शिवकुमार लोहिया ने की वहीं मुख्य अतिथि राजस्थान से पधारीं मनीषा अरोड़ा(आईएएस) रहीं। समारोह में हरिप्रसाद कानोड़िया और गोविंद सारड़ा ने बीज भाषण दिया। इस अवसर पर रामजीलाल घोड़ेला ने कहा कि मां, मातृभाषा और मातृभूमि का दर्जा सबसे ऊपर होता है। नई पीढ़ी को अपनी विरासत से जोड़ने के लिए बाल साहित्य की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है। उन्होंने प्रवासी राजस्थानी समाज से मायड़ भाषा के उत्थान के लिए आगे आने का आह्वान किया। इस दौरान उपस्थित रहे लूणकरणसर के साहित्यकार राजूराम बिजारणियां
ने घोड़ेला के इस सम्मान को समस्त राजस्थानी जगत के बाल साहित्यकारों का सम्मान होना माना। घोड़ेला के साथ रायसिंहनगर के साहित्यकार डॉ.मंगत बादल को भी सम्मानित किया गया।
ध्यातव्य है कि घोड़ेला राजस्थान के चर्चित बाल साहित्यकार हैं। मातृभाषा राजस्थानी और हिंदी में उनकी एक दर्जन से अधिक पुस्तक प्रकाशित हो चुकी हैं जिनमें आस री किरण, जुगाड़ आदि शामिल हैं। राजस्थानी बाल साहित्य अवदान के लिए उन्हें इस सम्मान से नवाजा गया।
