✍️ वरिष्ठ पत्रकार ओमप्रकाश बोराणा
मुरैना। मध्य प्रदेश के मुरैना शहर से इंसानियत को शर्मसार कर देने वाला मामला सामने आया है, जहां एक मुस्लिम युवक असलम खान ने खुद को ‘अभि ठाकुर’ बताकर ‘इंसानियत कंप्यूटर सेंटर’ के नाम से संस्थान चला रहा था। उसने सेंटर में आने वाली हिंदू छात्राओं को न केवल झांसे में लिया, बल्कि उनसे दुष्कर्म कर उनके अश्लील वीडियो भी बना लिए। वीडियो बनाने के लिए सेंटर में हिडन कैमरे लगाए गए थे।
पुलिस को जांच में पता चला है कि असलम सेंटर के एक कमरे में गद्दा बिछाकर और किचन में रखे पलंग का इस्तेमाल दुष्कर्म के लिए करता था। उसके कब्जे से तीन छात्राओं के वीडियो बरामद हुए हैं। मामले का खुलासा तब हुआ जब एक पीड़िता के पिता की शिकायत पर पुलिस ने मंगलवार को असलम को हिरासत में लिया और उसके खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई।
दिल्ली-नोएडा-मेरठ से जुड़ाव ने बढ़ाई चिंता
एफआईआर दर्ज होते ही चौंकाने वाली बात यह सामने आई कि असलम को छुड़ाने के लिए दिल्ली, नोएडा और मेरठ से कुछ लोग मुरैना कोतवाली पहुंचे। पुलिस द्वारा पूछताछ करने पर वे लोग चुपके से खिसक लिए।
वहीं, हिंदूवादी संगठनों ने भी पुलिस को सूचित किया कि असलम के कंप्यूटर सेंटर पर इन बाहरी शहरों से लगातार लोगों का आना-जाना रहता था। इसके बाद पुलिस ने असलम के बाहरी नेटवर्क की जांच शुरू कर दी है।
जिहादी नेटवर्क या पोर्न सिंडिकेट से कनेक्शन की आशंका
पुलिस को आशंका है कि असलम किसी जिहादी संगठन अथवा पोर्न इंडस्ट्री सिंडिकेट से जुड़ा हो सकता है। इसकी पुष्टि के लिए उसके मोबाइल डेटा, सीसीटीवी फुटेज, बैंक लेनदेन और सोशल मीडिया संपर्कों की गहन जांच की जा रही है।
हिंदू बनने का दिखावा, महाकाल का झूठा भक्त बना
मुरैना की सीएसपी दीपाली चंदौरिया के अनुसार, असलम खान ने हिंदू लड़कियों को आकर्षित करने के लिए न सिर्फ अपना नाम बदला बल्कि सेंटर में भगवान महाकाल का फोटो भी लगाया और खुद को महाकाल का भक्त बताता था।
असलम मूलतः भिंड जिले के गोरमी कस्बे का निवासी है और उसके पिता मोहम्मद खान, बीएसएनएल से रिटायर्ड अधिकारी हैं। असलम पिछले ढाई वर्षों से मुरैना में यह सेंटर चला रहा था।
सवालों के घेरे में पुलिस की सतर्कता
अब सवाल उठ रहे हैं कि इतने लंबे समय तक एक फर्जी नाम और पहचान के साथ सेंटर चला रहे व्यक्ति की गतिविधियों पर किसी की नजर क्यों नहीं पड़ी? क्या उसकी राजनीतिक या प्रशासनिक पहुंच थी? और क्या मुरैना केवल मोहरा था, जबकि असली नेटवर्क बड़े शहरों में फैला है?
पुलिस जांच के बिंदु:
- असलम खान के संपर्क सूत्रों की विस्तृत जांच
- वीडियो बनाने में इस्तेमाल डिवाइस और तकनीक
- सेंटर में आने वाली सभी छात्राओं की पहचान
- दिल्ली-नोएडा-मेरठ से आए लोगों की कॉल डिटेल और पहचान
- क्या असलम के जरिए हनी ट्रैप या ब्लैकमेलिंग गैंग संचालित हो रहा था?
मुरैना की यह घटना केवल एक यौन शोषण का मामला नहीं, बल्कि समाज में धर्म, विश्वास और सुरक्षा के नाम पर की जा रही सुनियोजित साजिश की आशंका को जन्म देती है। पुलिस और खुफिया एजेंसियों की जिम्मेदारी बनती है कि इस प्रकरण की तह तक जाकर सच देश के सामने लाएं।