♦️बड़ी स्वास्थ्य खबर♦️
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✍️ वरिष्ठ पत्रकार ओमप्रकाश बोराणा
राजस्थान सोजत, 13 मई। आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में कई बीमारियाँ धीरे-धीरे शरीर को अपनी चपेट में ले लेती हैं। उन्हीं में से एक है हर्निया – जो एक गंभीर लेकिन इलाज योग्य रोग है। हर्निया मुख्य रूप से पेट से जुड़ी बीमारी है और इसके लक्षण धीरे-धीरे शरीर में दिखने लगते हैं। समय रहते इन लक्षणों को पहचानना बेहद जरूरी है, नहीं तो स्थिति बेहद चिंताजनक हो सकती है।
♦️क्या होता है हर्निया?
हर्निया तब होता है जब शरीर के अंदर की कोई अंग या ऊतक, खासकर आंतें, अपनी सामान्य जगह से खिसक कर मांसपेशियों या टिश्यू में उभरने लगती हैं। यह आमतौर पर पेट के निचले हिस्से या नाभि के पास दिखाई देता है।
♦️हर्निया के प्रमुख लक्षण
1. नाभि के स्थान पर असहनीय दर्द
हर्निया का सबसे प्रारंभिक लक्षण नाभि में तेज और लगातार दर्द होना है। शुरुआत में यह दर्द हल्का महसूस होता है, लेकिन धीरे-धीरे असहनीय बन जाता है। कई बार इस दर्द के साथ नाभि का आकार भी बदलने लगता है और पेट बाहर की ओर उभरा हुआ दिखता है।
2. आंतों का बाहर आना जैसा अनुभव
हर्निया में ऐसा प्रतीत होता है जैसे आंतें पेट से बाहर निकल रही हों। नाभि का क्षेत्र फूला हुआ नजर आता है और हाथ लगाने पर वहां गांठ जैसी उभरी हुई संरचना महसूस होती है। यह सूजन खड़े होने या ज़्यादा मेहनत करने पर और बढ़ जाती है।
3. अत्यधिक छींक आना
वैसे तो हर्निया का कारण अधिक छींक आना हो सकता है, लेकिन इसके होने के बाद छींक की समस्या और बढ़ जाती है। पेट की मांसपेशियों पर बार-बार दबाव पड़ने से हर्निया की स्थिति और बिगड़ सकती है।
4. पेशाब करने में परेशानी
हर्निया के कारण मूत्र मार्ग पर दबाव पड़ने लगता है, जिससे पेशाब करते समय जलन, रुकावट या अधिक समय लगना जैसी समस्याएं हो सकती हैं। कई बार यह किडनी या प्रोस्टेट से जुड़ी बीमारियों से भी जुड़ सकता है।
♦️किन्हें होता है ज्यादा खतरा?
- वे लोग जो अधिक वजन उठाते हैं
- जिनकी मांसपेशियाँ कमज़ोर होती हैं
- पुरानी कब्ज़ या खांसी की समस्या से ग्रस्त लोग
- गर्भवती महिलाएं
- ज़्यादा उम्र वाले पुरुष और महिलाएं
♦️क्या करें और क्या नहीं?
करें:
- दर्द होते ही डॉक्टर से तुरंत संपर्क करें
- पेट पर दबाव न डालें
- हल्का और सुपाच्य भोजन लें
- नाभि की नियमित जांच करें
न करें:
- भारी सामान न उठाएं
- कब्ज़ या खांसी को अनदेखा न करें
- दर्द को नजरअंदाज न करें
♦️इलाज क्या है?
हर्निया का इलाज मुख्यतः ऑपरेशन के माध्यम से किया जाता है। आधुनिक तकनीकों जैसे लैप्रोस्कोपिक सर्जरी से बिना अधिक चीरे के इस समस्या से राहत पाई जा सकती है। समय पर इलाज न करवाने पर यह जानलेवा भी बन सकता है।
अगर आपके शरीर में ऊपर बताए गए लक्षणों में से कोई भी एक लक्षण मौजूद है, तो सतर्क हो जाइए। हर्निया की शुरुआती पहचान ही इस बीमारी को नियंत्रित करने का पहला और अहम कदम है। सावधानी, सही जांच और समय पर इलाज से इस बीमारी से पूरी तरह से निजात पाई जा सकती है।
स्वास्थ्य ही सबसे बड़ा धन है – इसे नजरअंदाज न करें।