✍️ वरिष्ठ पत्रकार ओमप्रकाश बोराणा
जयपुर सोजत।
आजकल विशेष रूप से शहरी क्षेत्रों में मोटापा एक गंभीर स्वास्थ्य समस्या के रूप में उभर कर सामने आ रहा है। गलत खान-पान, अनियमित दिनचर्या और तनावपूर्ण जीवनशैली के कारण हर उम्र के लोग इस बीमारी की चपेट में आ रहे हैं। मोटापा न केवल शरीर की बनावट को बिगाड़ता है, बल्कि यह कई घातक बीमारियों जैसे मधुमेह, उच्च रक्तचाप, हृदय रोग और जोड़ों की समस्या का कारण भी बनता है।
मोटापे का मुख्य कारण: खान-पान व रहन-सहन की अव्यवस्था
शहरों में जंक फूड, पैकेट बंद खाद्य सामग्री, कोल्ड ड्रिंक्स, अत्यधिक बैठने वाली जीवनशैली और मोबाइल-टीवी की लत लोगों के शरीर में चर्बी बढ़ा रही है। लोगों की दिनचर्या में न तो शारीरिक मेहनत रही है, और न ही संतुलित आहार का पालन किया जा रहा है।
आयुर्वेदिक और घरेलू उपाय: आसान लेकिन प्रभावी
आयुर्वेद में बताया गया है कि यदि आप मोटापा घटाना चाहते हैं, तो अपने भोजन में गेहूं के स्थान पर जौ के आटे का प्रयोग करें। जौ का आटा पचने में हल्का होता है और शरीर में जमी हुई चर्बी को धीरे-धीरे कम करता है।
इसके अलावा खाने में चावल, आलू और तली-भुनी चीजों को हटा कर सलाद, हरी सब्जियां और फल शामिल करें। ये शरीर को आवश्यक पोषक तत्व प्रदान करते हैं और चर्बी नहीं जमने देते।
सुबह की सैर और नींबू-शहद का चमत्कारिक नुस्खा
रोज सुबह जल्दी उठकर 30 से 45 मिनट की सैर करना अत्यंत लाभकारी होता है। सैर के बाद एक गिलास गुनगुने पानी में एक नींबू का रस और एक चम्मच शहद मिलाकर खाली पेट सेवन करें। यह मिश्रण शरीर में जमा चर्बी को पिघलाने में सहायक है और पाचन तंत्र को भी दुरुस्त करता है।
सिर्फ एक महीना करें ये प्रयोग, मिलेगा असरकारी लाभ
यदि इन उपायों को प्रतिदिन नियमित रूप से एक महीने तक किया जाए, तो शरीर में मोटापे की कमी महसूस होने लगेगी। इसके अलावा त्वचा में चमक, मानसिक स्फूर्ति और आत्मविश्वास में भी वृद्धि होगी।
मोटापा कोई रोग नहीं, बल्कि गलत आदतों का परिणाम है। यदि समय रहते सावधानी बरती जाए और आयुर्वेदिक उपायों को अपनाया जाए, तो इस पर पूरी तरह से नियंत्रण पाया जा सकता है।
स्वस्थ रहें, सजग रहें।
✍️ वरिष्ठ पत्रकार ओमप्रकाश बोराणा