
सोजत। स्थानीय शंकर बाग परिसर में आयोजित शोक सभा में दिवंगत आचार्य पंडित सागर गोपाल व्यास को श्रद्धा सुमन अर्पित किए गए। इस अवसर पर सोजत, सोजत रोड, पाली व जोधपुर सहित विभिन्न स्थानों से श्रीमाली ब्राह्मण समाज के गणमान्यजन बड़ी संख्या में उपस्थित रहे।
शोक सभा में वयोवृद्ध जयंतीलाल त्रिवेदी ने गीता के 15वें अध्याय का उल्लेख करते हुए कहा कि शरीर नश्वर है, इसलिए उसके जाने पर शोक नहीं करना चाहिए। उन्होंने कहा कि “अन्न भी मैं ही हूं, जीवन भी मैं ही हूं।”
चेतन व्यास ने कहा कि आत्मा अजर-अमर है, देह नश्वर है। इंसान आता-जाता रहता है, लेकिन उसके सद्कार्य सदैव उसकी याद को जीवित रखते हैं।
प्रफुल्ल ओझा ने आत्मा के आवागमन के चिरंतन प्रवाह से संबंधित गीता के श्लोक का उल्लेख करते हुए श्रद्धांजलि दी। वहीं गौभक्त दाऊजी महाराज ने दिवंगत आत्मा की शांति के लिए “श्री कृष्ण गोविन्द हरे मुरारी…” भजन का संकीर्तन किया।
दिवंगत आत्मा के परिजनों को अखिल भारतीय श्री गुरु फूलनारायण आश्रम न्यास मंत्री सुरेंद्र व्यास एवं श्रीमाली ब्राह्मण महालक्ष्मी ट्रस्ट द्वारा शोक संदेश पढ़कर सुनाया गया।
शोक सभा में आचार्य पं. माधव शास्त्री, जयदेव, अनिरुद्ध, भुवन, मयंक, आश्रम न्यास संरक्षक रामेश्वर लाल जोशी, महालक्ष्मी ट्रस्ट अध्यक्ष रमेश व्यास, बुढायत माता मंदिर व्यवस्था समिति अध्यक्ष जितेंद्र व्यास, पूर्व अध्यक्ष हितेंद्र व्यास, रमेशचंद्र त्रिवेदी, अपर लोक अभियोजक पंकज त्रिवेदी, चंद्रप्रकाश व्यास, अजय जोशी, भानूप्रकाश जोशी, पं. नरेंद्र दवे ‘आनंद ही आनंद’, सूर्यप्रकाश व्यास, श्यामलाल व्यास, अशोक माहुडा, संजय पंडित, धीरेन्द्र व्यास, धर्मेन्द्र व्यास, अनिल ओझा, जुगलकिशोर दवे, किशोर जोशी, सुरेंद्र जोशी, भूपेंद्र त्रिवेदी, गोपाल दवे, मनोज जोशी, सुरेंद्र अग्रवाल, पुष्प शर्मा, अशोक त्रिवेदी, राहुल त्रिवेदी, मनोहर जोशी, संतोष त्रिवेदी, कमल सहित बड़ी संख्या में गणमान्यजन उपस्थित रहे।
कार्यक्रम के अंत में दिवंगत आत्मा की शांति के लिए दो मिनट का मौन रखकर श्रद्धांजलि दी गई।
