✍️ वरिष्ठ पत्रकार ओमप्रकाश बोराणा
करौली, 3 जून — राजस्थान में भ्रष्टाचार के खिलाफ एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) का शिकंजा लगातार कसता जा रहा है। ताजा मामला करौली जिले के कैलादेवी क्षेत्र से सामने आया है, जहां पटवारी दीपक कुमार जैमन को 17 हजार रुपये की रिश्वत लेते हुए एसीबी की टीम ने रंगे हाथों पकड़ लिया। इस कार्रवाई के बाद इलाके में हड़कंप मच गया है।
🔍 क्या है पूरा मामला?
सूत्रों के अनुसार, कैलादेवी क्षेत्र में तैनात पटवारी दीपक कुमार जैमन ने एक व्यक्ति से भूमि संबंधी कार्य के एवज में 17,000 रुपये की रिश्वत की मांग की थी। पीड़ित व्यक्ति ने इसकी शिकायत एंटी करप्शन ब्यूरो, सवाई माधोपुर यूनिट में की। शिकायत की सत्यता की जांच के बाद एसीबी ने ट्रैप योजना बनाई।
सोमवार को तय योजना के अनुसार जैसे ही पीड़ित ने दीपक कुमार को 17 हजार रुपये नकद सौंपे, मौके पर मौजूद एसीबी टीम ने पटवारी को रंगे हाथों पकड़ लिया। उसके हाथ से रिश्वत की रकम भी बरामद कर ली गई है।
📍 मौके पर जारी है ACB की कार्रवाई
एसीबी टीम द्वारा मौके पर गहन तलाशी और दस्तावेजों की जांच की जा रही है। आरोपी पटवारी को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है। शुरुआती पूछताछ में पटवारी ने रिश्वत लेने की बात स्वीकार की है।
🧾 जमीन से जुड़े दस्तावेजों के नाम पर मांग रहा था घूस
जानकारी के अनुसार, पटवारी पीड़ित से किसी जमीन के नामांतरण (mutation) से संबंधित कार्य के एवज में यह रिश्वत मांग रहा था। यह कार्य समय पर पूरा नहीं हो रहा था, जिससे पीड़ित ने एसीबी की शरण ली।
🚨 ACB की सख्त चेतावनी
एसीबी अधिकारियों ने बयान जारी कर कहा है कि किसी भी सरकारी कर्मचारी द्वारा रिश्वत मांगने पर तुरंत शिकायत दर्ज कराई जाए। भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाई जा रही है।
“जनता को डरने की जरूरत नहीं है, एसीबी हर स्तर पर भ्रष्टाचार मिटाने के लिए प्रतिबद्ध है।”
— एसीबी अधिकारी, सवाई माधोपुर यूनिट
📌 क्षेत्र में मचा हड़कंप, सरकारी महकमे में खलबली
इस कार्रवाई के बाद कैलादेवी क्षेत्र सहित पूरे करौली जिले में तहसील स्तर के कर्मचारियों में दहशत का माहौल है। सरकारी दफ्तरों में चर्चा है कि एसीबी की नजर अब अन्य विभागों पर भी है। जनता भी इस कार्रवाई को लेकर राहत महसूस कर रही है।
करौली के कैलादेवी क्षेत्र में एसीबी की इस कार्रवाई ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि भ्रष्टाचार करने वाले अब बख्शे नहीं जाएंगे। पटवारी जैसे ज़मीनी स्तर के कर्मचारी जब भ्रष्टाचार में लिप्त पाए जाते हैं, तो आमजन का भरोसा टूटता है। ऐसे में ACB की इस कार्यवाही से एक सख्त संदेश गया है कि अगर कोई भी सरकारी कर्मचारी रिश्वत मांगे, तो अब उसे रंगे हाथों पकड़ा जाना तय है।
📢 यदि आपके पास भी कोई भ्रष्टाचार संबंधी जानकारी है, तो ACB की हेल्पलाइन पर संपर्क करें — आपकी पहचान गुप्त रखी जाएगी।