✍️ वरिष्ठ पत्रकार ओमप्रकाश बोराणा
सोजत। राजस्थान में स्कूली शिक्षा से जुड़ी बड़ी खबर सामने आई है। राज्यभर के सरकारी और निजी स्कूलों में 1 जुलाई (मंगलवार) से नया शैक्षणिक सत्र 2025-26 शुरू हो रहा है। माध्यमिक शिक्षा निदेशालय द्वारा ‘शिविरा पंचांग’ (स्कूल कैलेंडर) जारी कर दिया गया है, जिसमें पूरे सत्र की छुट्टियों और शैक्षणिक गतिविधियों का ब्यौरा शामिल है।
🔸 365 दिन के सत्र में 134 दिन छुट्टियां, 231 दिन पढ़ाई

जारी किए गए पंचांग के अनुसार, नए सत्र में छात्रों को कुल 134 दिन की छुट्टियां मिलेंगी, जबकि 231 दिन कक्षाएं संचालित होंगी।
इनमें शामिल हैं:
- 48 रविवार
- त्योहारों, राष्ट्रीय और धार्मिक पर्वों, जयंती एवं विशेष अवसरों पर छुट्टियां
- दीपावली अवकाश: 16 अक्टूबर से 27 अक्टूबर
- सर्दी की छुट्टियां: 25 दिसंबर से 5 जनवरी
- गर्मी की छुट्टियां: 17 मई से 30 जून
🔹 अक्टूबर में सबसे ज्यादा छुट्टियां
पंचांग के अनुसार, अक्टूबर माह में सबसे ज्यादा छुट्टियां रहेंगी। इस माह दीपावली अवकाश के साथ-साथ दशहरा, गांधी जयंती और अन्य पर्व आते हैं। हालांकि, इस बार कुछ छुट्टियां रविवार के दिन आ जाने से विद्यार्थियों को अतिरिक्त छुट्टियों का लाभ नहीं मिलेगा।
उदाहरणस्वरूप:
- गांधी जयंती (2 अक्टूबर), शास्त्री जयंती और दशहरा एक ही दिन पड़ने से सिर्फ एक दिन की छुट्टी।
- 6 जुलाई को मुहर्रम भी रविवार को पड़ने के कारण कोई अतिरिक्त अवकाश नहीं।
🔸 18 अगस्त से होगी पहली परीक्षा
पंचांग में यह भी बताया गया है कि सत्र की पहली परीक्षा 18 अगस्त से शुरू होगी। परीक्षाएं जिला स्तर पर आयोजित की जाएंगी और इनके परिणामों के आधार पर छात्र की प्रगति का मूल्यांकन किया जाएगा।
🔹 समय-सारणी : एक पारी व दो पारी के लिए अलग-अलग समय
माध्यमिक शिक्षा निदेशक सीताराम जाट के अनुसार, स्कूलों के संचालन समय में मौसमी बदलाव भी रहेगा:
🕒 एक पारी वाले स्कूल
- 1 अप्रैल से 30 सितंबर (गर्मी में) : सुबह 7:30 बजे से दोपहर 1 बजे तक
- 1 अक्टूबर से 31 मार्च (सर्दी में) : सुबह 10 बजे से शाम 4 बजे तक
🕒 दो पारी वाले स्कूल
- 1 अप्रैल से 30 सितंबर
- पहली पारी: सुबह 7:00 से 12:30
- दूसरी पारी: 12:30 से शाम 6:00
- 1 अक्टूबर से 31 मार्च
- पहली पारी: सुबह 7:30 से 12:30
- दूसरी पारी: 12:30 से शाम 5:30
गर्मी में प्रत्येक पारी 5.5 घंटे की होगी जबकि सर्दी में 5 घंटे की।
अतिरिक्त शैक्षिक सम्मेलन भी होंगे
इसके अलावा, सत्र में जिला स्तरीय व राज्य स्तरीय शैक्षिक सम्मेलनों के लिए 4 अतिरिक्त अवकाश भी निर्धारित किए गए हैं।
नया सत्र छात्रों और शिक्षकों के लिए व्यवस्थित ढंग से संचालित होगा, जिसमें अवकाश और शिक्षण कार्य में संतुलन रखा गया है। पंचांग का पालन स्कूलों को समयबद्ध और गुणवत्ता युक्त शिक्षा प्रदान करने में सहायक बनेगा।