✍️ वरिष्ठ पत्रकार ओमप्रकाश बोराणा
जयपुर। राजस्थान में इस बार मानसून का दूसरा बड़ा दौर दस्तक देने जा रहा है। मौसम विभाग के मुताबिक बंगाल की खाड़ी और अरब सागर में एक साथ लो प्रेशर सिस्टम बनने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। यह सिस्टम गुजरात के तटीय इलाकों से होकर दक्षिणी और पश्चिमी राजस्थान में प्रवेश करेगा और 18 से 19 अगस्त के दौरान कई जिलों में भारी बारिश का कारण बन सकता है।
मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार, यह लो प्रेशर सिस्टम 16 से 19 अगस्त के बीच सक्रिय रहेगा और इसका असर खासतौर पर जोधपुर, बाड़मेर, जालोर, पाली, कोटा, उदयपुर समेत दक्षिणी और पश्चिमी राजस्थान के अन्य हिस्सों में देखने को मिलेगा। इस दौरान कई जगहों पर मूसलाधार बारिश के साथ तेज हवाएं भी चल सकती हैं।
किसानों के लिए अच्छी खबर
मानसून का यह नया दौर प्रदेश के किसानों के लिए राहत लेकर आएगा। 15 अगस्त के बाद होने वाली अच्छी बारिश खरीफ फसलों के लिए बेहद लाभकारी साबित हो सकती है। विशेषकर जिन क्षेत्रों में अब तक पर्याप्त वर्षा नहीं हुई थी, वहां नमी की कमी पूरी होने से खेतों में फसल की बढ़वार तेज होगी और सिंचाई का खर्च भी कम होगा।
बारिश का पैटर्न और संभावित प्रभाव
- 16 अगस्त: दक्षिणी राजस्थान के कुछ हिस्सों में हल्की से मध्यम बारिश
- 17 अगस्त: सिस्टम के और मजबूत होने की संभावना, कई जिलों में तेज बौछारें
- 18-19 अगस्त: जोधपुर, बाड़मेर, जालोर, पाली, उदयपुर, कोटा और आसपास के क्षेत्रों में भारी से अति भारी वर्षा की चेतावनी
- 20 अगस्त से बारिश का असर धीरे-धीरे कम होगा
मौसम विभाग की सलाह
- किसानों को सलाह दी गई है कि वे अभी सिंचाई और खाद डालने के कार्य टाल दें, ताकि बारिश से खेत में नमी और पोषण का स्तर बेहतर बना रहे।
- निचले इलाकों में रहने वाले लोग जलभराव की स्थिति से बचाव के लिए पहले से तैयारी कर लें।
- चरवाहों और ग्रामीण इलाकों के निवासियों को सावधानी बरतने और बिजली कड़कने के समय खुले मैदान में न जाने की सलाह दी गई है।
अगर आप चाहें तो मैं इस खबर में मानचित्र और बारिश की टाइमलाइन भी जोड़ सकता हूं, जिससे यह और ज्यादा प्रभावी व विजुअल रूप से आकर्षक लगे।