सोजत। अपने हौसलों को यह मत कहो कि मेरी मुसीबतें कितनी बड़ी है,अपनी मुसीबतों को कहो कि मेरा हौसला कितना बड़ा है। उक्त कथन मोहम्मद रफ़ीक प्रधानाचार्य कम अतिरिक्त मुख्य ब्लॉक शिक्षा अधिकारी सोजत के पद पर कार्यरत दिव्यांग शिक्षक का मूल मंत्र है।

एक पैर से पूर्णतया दिव्यांग और आर्थिक दशा कमजोर होने के बावजूद कठिन मेहनत कर अध्यापक पद से सेवा शुरू करके व्याख्याता अर्थशास्त्र के पद पर 8 वर्ष लगातार सेवा देते हुए कक्षा 12 बोर्ड परीक्षा परिणाम 100 प्रतिशत रखा। तत्पश्चात प्रधानाध्यापक माध्यमिक शिक्षा के पद पर 3 वर्ष एवं 2017 से लगातार प्रधानाचार्य के पद पर कार्यरत है,वर्तमान में सीबीईओ ऑफिस सोजत में अतिरिक्त मुख्य ब्लॉक शिक्षा अधिकारी के पद पर कार्यरत है।
इस दौरान दिव्यांग होने के बावजूद कोविड 19 में पीईईओ के रूप में प्रभावी मॉनिटरिंग करने एवं पाली जिला समान परीक्षा योजना जैसे महत्वपूर्ण दायित्व का निर्वहन किया। साथ ही शिक्षा विभाग के विभिन्न प्रशिक्षण में दक्ष प्रशिक्षक के रूप में सफलतापूर्वक कार्य किया।इतना ही नही भामाशाह के सहयोग से विद्यालय विकास के कार्य कराए।

पिछले कई वर्षा से प्रधानाचार्य/प्रधानाध्यापक की वाकपीठ में वार्ताकार के रूप में अहम भूमिका निभाई।पंचायत क्षेत्र में अनामांकित और ड्रॉप आउट विद्यार्थियों को जोड़कर 2 बार उजियारी पंचायत का अवार्ड प्राप्त किया।माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की शिक्षक प्रतियोगिता में जिला स्तर पर द्वितीय स्थान प्राप्त किया।
26 जनवरी 2012 और 15 अगस्त 2022 दो बार जिला प्रशासन द्वारा जिला कलेक्टर द्वारा सम्मानित,दो बार शिक्षा विभाग द्वारा जिला स्तर
पर सम्मानित।
वर्ष 2011 और 2023 जो फरवरी 2024 में कार्यक्रम हुआ दो बार सामाजिक न्याय और अधिकारिता विभाग राजस्थान सरकार जयपुर द्वारा राज्य स्तर पर श्रेष्ठ निःशक्त कार्मिक का
पुरस्कार से सम्मानित हो चुके है। विद्यालय और विद्यार्थियों के हित में कार्य करते हुए सदैव विद्यालय के भौतिक विकास के साथ शैक्षिक और सहशैक्षिक उन्ननयन के लिये कार्य करते हुए सदा युवाओं की प्रेरणा बने। सामाजिक सरोकार के तहत स्काउट,परिवार नियोजन, वृक्षारोपण, परिंदो के लिए परिंडा अभियान में सदैव आगे बढ़कर योगदान देते रहे है ।
हाल ही मे जिला कलेक्टर लक्ष्मी नारायण मंत्री के पाली के परिंदो के लिए परिंडा अभियान में सहयोग पर जिला स्तर पर सम्मानित किया गया।
राज्य सरकार की विभिन्न छात्र कल्याण कारी योजनाओं को धरातल पर प्रभावी क्रियान्वयन में सदैव सक्रिय रहकर प्रत्येक विद्यार्थी को अधिकतम लाभ कैसे मिले ,इसके लिये प्रयासरत रहते है।स्कूल शिक्षा विभाग के विभिन्न नवाचारों की ब्लॉक में प्रभावी मोनिटरिंग कर यह साबित करते है कि दिव्यांगता किसी भी काम को अंजाम तक पहुचाने में बाधक नही होती है। सदैव शिक्षक बनकर सीखने और सीखाने का कार्य इनके द्वारा किया जाता है।
रफ़ीक सदैव शिक्षक बंधुओं और विद्यार्थियों को हेलन केलर के उक्त कथन को अपने जीवन मे अपनाने की सीख देते है ” माना कि मैं अकेली हूँ,फिर भी मैं हूँ।मैं सब कुछ नही कर सकती,लेकिन मैं कुछ तो कर सकती हूँ और सिर्फ इसलिए कि मैं सब कुछ नही कर सकती,मैं वो करने से पीछे नही हटूँगी,जो मैं कर सकती हूँ।”
अंत मे सोच को बदलो सितारे बदल जाएंगे, नजर को बदलो नजारे बदल जाएंगे,कश्ती बदले से होगा ना कुछ,धारा को बदलो,किनारे बदल जाएंगे।
