रिपोर्ट वरिष्ठ पत्रकार अब्दुल समद राही
दीप विद्या आश्रम सेकेंडरी स्कूल में शिक्षक दिवस बड़े उत्साह और उल्लास के साथ मनाया

संस्था प्रधान की सोच ही विद्यालय की पहचान होती है : अकरम खान
पाली। दीप विद्या आश्रम सेकेंडरी स्कूल के प्रांगण में आज शिक्षक दिवस बड़े उत्साह और उल्लास के साथ मनाया गया। इस अवसर पर विद्यालय के नन्हे-मुन्ने बालकों से लेकर वरिष्ठ विद्यार्थियों ने शिक्षकों के सम्मान में विविध सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए। मंच पर दिए गए भाषण, कविता-पाठ, नृत्य और नाटिकाओं ने सभी का मन मोह लिया।
साहिस्ता ने अपने गुरुओं के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहा –
“गुरु वह दीप हैं जो राह दिखाते हैं,
अंधकार में डूबे मन को उम्मीद की रोशनी से जगमगाते हैं।”
उन्होंने भावपूर्ण शब्दों में व्यक्त किया कि आज विद्यार्थी जो कुछ भी सीख रहे हैं, वह शिक्षकों के परिश्रम और मार्गदर्शन का प्रतिफल है। शिक्षक केवल पढ़ाते ही नहीं, बल्कि जीवन को सही दिशा और मूल्य प्रदान करते हैं।

मेहर बानो ने कहा –
“ज्ञान का सागर है शिक्षक का व्यक्तित्व, आत्मा को सँवार देना ही उसकी सच्चाई है।
गुरु का उपकार हम कभी नहीं चुका सकते, यदि उनके बताए मार्ग पर चल पाएँ तो जीवन अवश्य सफल होगा।”
विद्यालय की प्रधानाचार्या श्रीमती सुमन लोहिया ने बच्चों की प्रतिभा और उत्साह की सराहना करते हुए कहा कि आज का यह आयोजन वास्तव में बच्चों की भावनाओं और शिक्षकों के प्रति उनके सम्मान का प्रतीक है।
शिक्षकों ने विद्यार्थियों का मनोबल बढ़ाते हुए कहा कि यदि बच्चे इसी तरह मेहनत और लगन से आगे बढ़ते रहें, तो भविष्य में वे राष्ट्र का गौरव बनेंगे।
विद्यालय के निदेशक श्री अकरम खान ने विद्यालय परिवार की प्रशंसा करते हुए कहा –
“संस्था प्रधान की सोच ही विद्यालय की पहचान होती है,
उनकी नीतियों में ही बच्चों का उज्ज्वल भविष्य निहित है।”
उन्होंने आगे कहा –
“गुरु से ही मिलती है सच्ची पहचान,
उनसे उज्ज्वल होता है मानव का संसार।
शिक्षक दिवस पर यही है हमारी प्रार्थना,
हर बच्चे को मिले सदैव गुरु का आशीर्वाद अपार।”
कार्यक्रम के अंत में बच्चों और शिक्षकों ने मिलकर गुरु-शिष्य परंपरा को सजीव बनाए रखने का संकल्प लिया।
इस अवसर पर विद्यालय परिवार के सदस्य – निखिल चोपड़ा, नरेश सेन, हेदर अली, नीलम दवे, रेखा कुमावत, खुशबू अंसारी, वैभवी रंगवानी, कायनात खिलजी, रेखा दमानी, तफसीन अंसारी तथा नरपत सिंह ने भी बच्चों की हौसला-अफज़ाई करते हुए प्रेरणादायी विचार प्रस्तुत किए।
समारोह हर्ष, उल्लास और प्रेरणादायी वातावरण में संपन्न हुआ। मंच संचालन का दायित्व इक्तेशाम खान और अनिक अहमद ने साझा रूप से निभाया और कार्यक्रम को जीवंत तथा रोचक बना दिया।

