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उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर में मौलवी इरशाद ने मंगलवार (5 नवंबर 2024) को एक महिला को जिन्न का डर दिखाकर उसके साथ रेप किया। दिल्ली की रहने वाली पीड़िता बीमारी का इलाज कराने के लिए मौलवी के पास गई थी। मौलवी ने जिन्न का डर दिखाकर कहा कि वह अंधा हो जाएगी। उसके बाद उसके साथ रेप और अप्राकृतिक रूप से कुकर्म किया। मौलवी इरशाद फरार है।
यह मामला मुज़फ्फरनगर के थाना क्षेत्र सिविल लाइंस का है। यहाँ बुधवार (6 नवंबर) को एक महिला ने पुलिस थाने में शिकायत दर्ज करवाई। शिकायत में महिला ने बताया कि वह बीमार रहती थी। बीमारी का इलाज के लिए वह अपनी बहन के साथ 5 नवंबर को मुज़फ्फरनगर आई थी। यहाँ के सिविल लाइंस इलाके में रहने वाला मौलवी इरशाद झाड़-फूँक और रूहानी ताकतों से इलाज का दावा करता था।
महिला ने कहा कि वह इरशाद के झाँसे में आ गई और इलाज के लिए उसके घर पहुँच गई। वहाँ मौलवी इरशाद ने महिला से कहा कि उसे जो समस्या है उसे वह अकेले में बताना चाहता है। उसे वह उसकी बहन के सामने नहीं बता सकता। इसके बाद मौलवी ने उसे अकेले आने के लिए कहा। उसी शाम 4 बजे पीड़िता मौलवी के पास अकेले पहुँची। तब इरशाद ने उसे जिन्न आने की बाते कहकर डराया।
पीड़िता को मौलवी ने बताया कि उस पर जिन्नात आते हैं, वे सभी उसके साथ गलत करेंगे। इतना सुनकर महिला डर गई। झाड़-फूँक के दौरान मौलवी इरशाद ने महिला को पीने के लिए पानी दिया। इस पानी में कुछ डाला गया था। कुछ देर बाद मौलवी इरशाद ने पीड़िता के कपड़े उतारने शुरू किए तो पीड़ता ने इसका विरोध किया। इस पर मौलवी ने कहा कि उसके आँखों की रौशनी चली जाएगी।
अंत में पीड़िता को निर्वस्त्र करके मौलवी इरशाद ने रेप किया। पीड़िता ने बताया कि मौलवी ने उसके गुप्तांग में बैगन भी डाला। आखिर में मौलवी ने पीड़िता को कहा कि यह बात वह किसी को ना बताए। मौलवी पीड़िता को लेकर बस अड्डा गया और वहाँ उसे जबरन बस में बैठाने लगा। पीड़िता ने वहीं से 112 नंबर डायल करके पुलिस बुलाई। इसके बाद थाने जाकर शादीशुदा पीड़िता ने तहरीर दी।
तहरीर के आधार पर पुलिस ने भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 64 और 351 (2) के तहत FIR दर्ज कर ली। FIR में मौलवी इरशाद को नामजद किया गया है। शिकायत की कॉपी ऑपइंडिया के पास मौजूद है। अपने ऊपर केस दर्ज होने की सूचना मिलते ही इरशाद फरार हो गया है। पुलिस टीमें मौलवी की गिरफ्तारी के लिए दबिश दे रहीं हैं
धार्मिक आस्था और झाड़-फूंक के नाम पर महिलाओं के साथ छल-कपट करने वाले मौलवियों के असली चेहरे का एक और मामला सामने आया है। मौलवी इरशाद ने इलाज के नाम पर एक महिला को अपने जाल में फंसाकर उसका शोषण किया। पीड़ित महिला के मुताबिक, मौलवी ने उसे डर दिखाया कि जिन्न और बुरी आत्माएं उसे और उसके परिवार को नुकसान पहुंचा सकती हैं। इस बहाने से मौलवी ने उसे अपने पास बुलाया और फिर अपनी हवस का शिकार बना लिया। इस घटना ने एक बार फिर से धार्मिक आस्था का दुरुपयोग करने वालों की हकीकत उजागर की है।
घटना का विवरण:
सूत्रों के अनुसार, महिला किसी बीमारी से जूझ रही थी और इस परेशानी में उसे मौलवी इरशाद का सहारा लेने के लिए कहा गया। मौलवी ने दावा किया कि उसकी समस्या का कारण जिन्न और बुरी आत्माएं हैं और उसने इसे ठीक करने के लिए झाड़-फूंक करने की सलाह दी। महिला को मौलवी के पास बुलाकर उसका गुप्तांग छूने की कोशिश की गई और जब उसने विरोध किया, तो मौलवी ने उसे चेतावनी दी कि ऐसा करने से उसका और उसके परिवार का बुरा हाल हो सकता है। महिला, अंधविश्वास और डर के चलते मौलवी की बात मानने को मजबूर हो गई।
समाज के लिए एक चेतावनी:
यह घटना केवल एक पीड़ित महिला की कहानी नहीं है, बल्कि समाज के लिए एक चेतावनी भी है। समाज में कई ऐसे कथित मौलवी और तांत्रिक हैं जो आस्था का लाभ उठाकर महिलाओं को फंसाते हैं। ऐसे लोग अंधविश्वास और धार्मिक आस्था का सहारा लेकर मासूम लोगों को अपनी हवस का शिकार बना रहे हैं। इस प्रकार की घटनाओं ने समाज को यह सोचने पर मजबूर कर दिया है कि कब तक इस तरह के मौलवियों के जाल में लोग फंसते रहेंगे।
पुलिस में शिकायत और जांच शुरू:
पीड़ित महिला ने मौलवी के खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है, और मामले की जांच जारी है। पुलिस का कहना है कि इस तरह की घटनाओं में शामिल आरोपियों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। इस घटना के बाद लोग मौलवियों के झाड़-फूंक और ताबीज देने जैसे कार्यों से बचने की सलाह दे रहे हैं।
धार्मिक आस्था और विश्वास महत्वपूर्ण हैं, लेकिन जब इनका दुरुपयोग किसी के जीवन को खतरे में डाल दे, तो सजग रहना आवश्यक है। इस तरह की घटनाएं हमें यह सोचने पर मजबूर करती हैं कि किस तरह अंधविश्वास का सहारा लेकर समाज के कमजोर वर्ग को ठगा और शोषित किया जा रहा है।