✍️ वरिष्ठ पत्रकार ओमप्रकाश बोराणा
गोरखपुर/उत्तर प्रदेश।
जिला जेल परिसर के सरकारी आवास में रहने वाले डॉक्टर वरुणेश दुबे एक सनसनीखेज आरोपों के घेरे में आ गए हैं। उनकी पत्नी सिंपी पांडे ने बेहद चौंकाने वाला खुलासा करते हुए कहा है कि उनके पति ट्रांसजेंडर महिला का रूप धरकर अश्लील कंटेंट बनाते थे और उसे ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स पर बेचते थे। यह मामला अब पुलिस और प्रशासन के लिए बड़ी चुनौती बन गया है और पूरे क्षेत्र में चर्चाओं का विषय बन गया है।
वायरल वीडियो से हुआ शक, घर की सजावट और अंगूठी से पहचान
सिंपी पांडे ने बताया कि हाल ही में सोशल मीडिया पर एक अश्लील वीडियो वायरल हुआ, जिसे देखने के बाद उन्होंने उस व्यक्ति की हरकतें, अंगूठी, घर की सजावट और बैकग्राउंड को पहचान लिया। उन्हें विश्वास हो गया कि यह वीडियो उनके ही मकान में शूट किया गया है और उसमें दिखने वाला व्यक्ति कोई और नहीं बल्कि उनके पति ही हैं।
सवाल-जवाब में हुई मारपीट, CCTV में कैद हुई घटना
सिंपी के अनुसार, 18 मई को जब उन्होंने गोरखपुर स्थित आवास पर इस बारे में पति से सवाल किए, तो डॉक्टर दुबे भड़क उठे और विवाद इतना बढ़ गया कि मामला मारपीट तक पहुंच गया। इसके बाद सिंपी के पिता और भाई ने भी डॉक्टर से आमना-सामना किया, और पूरी घटना सीसीटीवी कैमरे में रिकॉर्ड हो गई।
पुलिस ने आवास को किया सील, जांच समिति का गठन
घटना की गंभीरता को देखते हुए पुलिस ने तत्काल डॉक्टर दुबे के आवास को सील कर दिया है। साथ ही एक उच्च स्तरीय विभागीय जांच समिति गठित की गई है और वायरल वीडियो की फोरेंसिक जांच भी शुरू कर दी गई है। एफआईआर में बेवफाई, मानसिक उत्पीड़न और शारीरिक हिंसा जैसे गंभीर आरोप दर्ज किए गए हैं।
डॉक्टर दुबे ने बताया वीडियो को फेक, साजिश का लगाया आरोप
डॉक्टर वरुणेश दुबे ने इन सभी आरोपों को खारिज करते हुए कहा है कि यह वीडियो डीपफेक तकनीक से बनाए गए हैं और यह सब उन्हें बदनाम करने की एक सोची-समझी साजिश का हिस्सा है। उन्होंने आरोप लगाया है कि उनकी पत्नी के कुछ तकनीकी जानकार रिश्तेदार इस साजिश में शामिल हो सकते हैं।
सोशल मीडिया से लेकर प्रशासन तक मचा हड़कंप
यह मामला सिर्फ पारिवारिक विवाद तक सीमित नहीं रहा, बल्कि अब यह सोशल मीडिया से होते हुए प्रशासनिक गलियारों तक पहुँच चुका है। स्थानीय लोगों में भी इस मामले को लेकर गहरी हैरानी है। सभी का यही सवाल है कि एक प्रतिष्ठित डॉक्टर की ऐसी दोहरी जिंदगी कैसे सामने आ सकती है।
पुलिस बोली- हर एंगल से हो रही जांच
पुलिस का कहना है कि मामले की जांच सभी पहलुओं से की जा रही है। तकनीकी और डिजिटल सबूतों के आधार पर सच्चाई का पता लगाया जाएगा। वीडियो की फोरेंसिक जांच रिपोर्ट और सीसीटीवी फुटेज की पुष्टि के बाद ही कोई अंतिम निर्णय लिया जाएगा।
इस हाई-प्रोफाइल मामले ने न केवल व्यक्तिगत रिश्तों की परतें उधेड़ दी हैं, बल्कि डिजिटल युग में डीपफेक टेक्नोलॉजी के खतरों और नैतिकता के सवालों को भी सामने ला दिया है। आने वाले दिनों में जांच की रिपोर्ट इस रहस्य से पर्दा हटा सकती है कि क्या यह एक डॉक्टर की दोहरी जिंदगी का मामला है या किसी सोची-समझी साजिश का हिस्सा?