राजस्थान सरकार द्वारा संचालित गार्गी बालिका प्रोत्साहन पुरस्कार योजना ने एक बार फिर लाखों बेटियों के लिए शिक्षा का रास्ता आसान कर दिया है।
वर्ष 2005-06 में शुरू हुई यह योजना बालिका शिक्षा को प्रोत्साहित करने, उनमें आत्मविश्वास और उच्च शिक्षा के प्रति उत्साह बढ़ाने का महत्वपूर्ण माध्यम रही है।
वर्ष 2025-26 के लिए आवेदन प्रक्रिया को और सरल बना दिया गया है। अब छात्राओं को ई-मित्र केंद्रों के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे, क्योंकि इस बार आवेदन पूरी तरह स्कूल स्तर पर ही करवाए जाएंगे।
उप सचिव ऊषा शर्मा ने बताया कि संबंधित विद्यालय के संस्था प्रधान ही स्कूल में बैठकर सभी पात्र छात्राओं के ऑनलाइन आवेदन सुनिश्चित करेंगे। इससे ग्रामीण एवं आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों की बेटियों को बड़ा लाभ मिलेगा।
क्यों ज़रूरी है यह योजना?
राज्य सरकार ने बताया कि कई परिवार आर्थिक तंगी व सामाजिक कारणों से अपनी बेटियों की पढ़ाई बीच में रोक देते हैं।
इस समस्या से निपटने और बेटियों को शिक्षा के लिए प्रेरित करने के उद्देश्य से यह योजना वर्षों से निरंतर काम कर रही है और अब तक लाखों बालिकाओं का भविष्य संवार चुकी है।
इस वर्ष 3.84 लाख बालिकाएं होंगी लाभान्वित
सरकारी और निजी विद्यालयों की लगभग 3,84,000 बालिकाएं वर्ष 2025-26 में इस योजना से लाभान्वित होंगी।
लाभार्थियों की सूची योजना पोर्टल पर उपलब्ध रहेगी। यदि किसी अध्ययनरत छात्रा का नाम सूची में नहीं है, तो वह माध्यमिक शिक्षा बोर्ड, राजस्थान के अपने 10वीं या 12वीं के रोल नंबर से स्थिति जांच सकती है।
आवेदन तिथि..
19 नवंबर से 15 दिसंबर 2025 तक सभी स्कूलों को आवेदन प्रक्रिया पूर्ण करनी होगी। स्कूलों को निर्देश दिए गए हैं कि वे हर पात्र छात्रा को आवेदन में पूरी सहायता प्रदान करें।
आवश्यक दस्तावेज..
10वीं और 12वीं की बोर्ड अंकतालिका
परिवार का जन आधार कार्ड
शाला दर्पण का प्रपत्र-9 (जनआधार अनिवार्य)
अंकतालिका एवं जन आधार में दर्ज सभी विवरण समान होना आवश्यक
योजना के लाभ…
बालिकाओं में उच्च शिक्षा के प्रति आत्मविश्वास बढ़ता है
आर्थिक सहायता से पढ़ाई जारी रखने की प्रेरणा मिलती है
समाज में बेटी शिक्षा को लेकर सकारात्मक संदेश जाता है
मेरिट आधारित पुरस्कार से प्रतिभा को सम्मान मिलता है
राजस्थान सरकार की यह पहल न केवल आर्थिक सहायता है, बल्कि एक मजबूत सामाजिक संदेश भी है—
“बेटी पढ़ेगी, तभी भविष्य संवर पाएगा।”
