सोजत। वीसोच कॉलेज, पाली में आज विशेष गहन पुनरीक्षण — SIR-2026 के तहत आयोजित जागरूकता सत्र ने लोकतंत्र के सबसे अहम स्तंभ- मतदाता सूची की शुद्धता और समावेशन- को लेकर एक सशक्त संदेश दिया। विशेष गहन पुनरीक्षण-2026 कार्यक्रम की अध्यक्षता महाविद्यालय के निदेशक हेरम्ब भारद्वाज ने की और प्राचार्य वर्षा तिवारी, प्राध्यापक मोहम्मद आसिफ, एनएसएस प्रभारी राजेंद्र कुमावत, जागरूकता वक्ता अजय कुमार जोशी तथा एस आई आर -2026 कार्यक्रम के तहत शाहरुख़ खान, अशोक गहलोत नीलम कंवर राम अवतार उपस्थित रहे। इस विशेष गहन पुनरीक्षण 2026 समागम कार्यक्रम में विद्यार्थियों को न केवल जानकारी दी बल्कि उन्हें कर्मशील बनाने का भी संकल्प दिलाया- कि वे स्वयं अपना नाम सुनिश्चित करेंगे और कम से कम दो और पात्र नागरिकों का फार्म-6 ऑनलाइन भरवाने में सक्रिय भूमिका निभाएंगे।

निदेशक हेरम्ब भारद्वाज ने अपने उद्घाटन भाषण में कहा कि SIR-2026 सिर्फ कागजी प्रक्रिया नहीं, बल्कि लोकतंत्र की मजबूती का संवाहक है। “जब तक हर पात्र नागरिक वोटर लिस्ट में दर्ज नहीं होगा, तब तक किसी भी नीति का सटीक प्रतिनिधित्व संभव नहीं,” उन्होंने जोर देकर कहा। उन्होंने छात्रों से अपील की कि वे न केवल अपना नाम पंजीकृत कराएं बल्कि अपने परिवार, पड़ोस और समाज के उन हिस्सों को भी जोड़ें जहां अभी पंजीकरण कम है। एडवोकेट हेरम्ब भारद्वाज ने वीसोच कॉलेज को इस अभियान का स्थानीय केंद्र बनाने और कॉलेज के हेल्प-डेस्क के माध्यम से ऑनलाइन फॉर्म-6 जमा करने में सहायता देने का वादा किया।
वी सोच महाविद्यालय की प्राचार्य वर्षा तिवारी ने तकनीकी और प्रक्रियात्मक पहलुओं को स्पष्ट करते हुए बताया कि SIR-2026 के तहत किस प्रकार फार्म-6 (नया नामांकन), फार्म-7 (मृत/डुप्लीकेट नाम हटाना), फार्म-8 (सुधार), तथा फार्म-8ए (पता परिवर्तन) का उपयोग किया जाता है। उन्होंने विद्यार्थियों को यह स्मरण कराया कि एक ही व्यक्ति का नाम केवल एक ही मतदाता सूची में होना चाहिए और दोहरी प्रविष्टियाँ मतदान संचालन में गलतियाँ पैदा कर सकती हैं। वर्षा तिवारी ने कहा, “बीएलओ (बूथ लेवल आफिसर) घर-घर जाकर फॉर्म देंगे और सत्यापन करेंगे, पर वास्तविक सफलता विद्यार्थियों की सक्रिय भागीदारी से ही संभव होगी।” उन्होंने यह भी कहा कि डिजिटल रूप से सबमिट करने की सुविधा से प्रक्रिया तेज और पारदर्शी होगी, इसलिए छात्रों को ऑनलाइन प्लेटफ़ॉर्म का उपयोग सिखाया जा रहा है।
प्रोफेसर मोहम्मद आसिफ ने युवाओं को यह समझाया कि तकनीक उनके लिए अवसर है-कॉलेज में स्थापित हेल्प-डेस्क और डिजिटल ट्रेनिंग से वे न केवल खुद के फॉर्म भरेंगे बल्कि कई लोगों के नाम जोड़ कर समाज में परिवर्तन ला सकते हैं। आसिफ ने कहा, “युवा वर्ग जब अपने कौशल का उपयोग सर्वजन के हित में करता है तो परिणाम तुरंत दिखाई देते हैं;एसआईआर -2026 में आपकी सक्रिय भागीदारी ही जिले की सफलता तय करेगी।” उन्होंने छात्रों को ग्रुप बनाकर क्षेत्रीय अभियान चलाने और बीएलओ के साथ समन्वय बनाए रखने का सुझाव दिया।
एनएसएस प्रभारी राजेंद्र कुमावत ने शपथ स्वयंसेवकों के समन्वय का जिम्मा लेते हुए कहा कि एनएसएस यूनिट गांव-गांव जाकर जागरूकता फैला रही है और हर स्वयंसेवक से अपेक्षा है कि वह कम से कम दो पात्र नागरिकों के फॉर्म-6 भरवाने की जिम्मेदारी उठाए। कुमावत ने स्पष्ट किया कि बीएलओ तीन दौरों में घर-घर जाकर सत्यापन करते हैं — फॉर्म वितरण, फॉर्म वापसी तथा अंतिम सत्यापन- और छात्रों को इन चरणों को समझ कर सहयोग करना चाहिए। उनका मानना था कि तत्काल और सुसंगत कार्रवाई से ही मतदाता सूची त्रुटिरहित बन सकती है और यह कार्रवाई निर्वाचन प्रक्रिया की विश्वसनीयता बढ़ाएगी।
जागरूकता वक्ता अजय कुमार जोशी ने इससे जुड़े संवैधानिक एवं नागरिक महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि नाम पंजीकरण सिर्फ वोट देने का अधिकार नहीं देता, बल्कि यह नागरिक की पहचान और सार्वजनिक जीवन में हिस्सेदारी की पहली शर्त है। जोशी ने बताया कि एस आई आर-2026 के दौरान विशेष रूप से युवा और ग्रामीण क्षेत्रों में अधूरी और गलत सूचनाओं को सुधारने का प्रयास किया जा रहा है ताकि ड्राफ्ट रोल और अंतिम रोल दोनों अधिक वास्तविक और भरोसेमंद बनें। उन्होंने छात्रों से आग्रह किया कि वे अपनी रचनात्मकता और मीडिया-सक्षमता का प्रयोग कर सोशल मीडिया और स्थानीय नेटवर्क के माध्यम से संदेश फैलाएँ, ताकि अधिक से अधिक लोग समय पर अपना फॉर्म भर सकें।
प्रो. शाहरुख़ खान ने युवाओं को आंदोलन-स्तर की भागीदारी का प्रस्ताव रखते हुए कहा कि यदि कॉलेज-स्तर पर योजनाबद्ध तरीके से अभियान चलाया जाए तो पाली जिले में एस आई आर-2026 की सफलता का मॉडल तैयार हो सकता है। शाहरुख़ ने छात्र-समूहों से कहा कि वे मतदान-प्रमोशन के साथ-साथ लोगों को फॉर्म भरने के बाद बी एल ओ के पास सही तरीके से जमा करवाने में भी मदद करें, क्योंकि कई बार लोग फॉर्म भर कर घर पर रख देते हैं और जमा नहीं करवा पाते। उनका संदेश था कि छोटी-छोटी मददों का समाहार बड़ी उपलब्धि बन जाता है।
कार्यक्रम के दौरान छात्रों ने हाथ उठाकर शपथ ली कि वे खुद अपना नाम सुनिश्चित करेंगे और कम से कम दो अन्य पात्र नागरिकों की सहायता करेंगे ताकि वे अपने मताधिकार का उपयोग कर सकें। शिविर में कॉलेज ने हेल्प-डेस्क स्थापित किया है, जहाँ तकनीकी प्रशिक्षक और स्वयंसेवक ऑनलाइन पोर्टल पर फार्म-फिलिंग, दस्तावेज़ स्कैनिंग तथा सबमिशन की प्रक्रिया बताते हैं। जागरूकता सत्र आयोजन में दिखा जोश और जिम्मेदारी का भाव इस बात का संकेत है कि वीसोच कॉलेज के छात्र एस आई आर -2026 को केवल एक प्रशासनिक अभियान न मानकर जनचेतना का अभियान बनाएंगे।
एस आई आर-2026 का यह चरण समय-सीमाओं के साथ चल रहा है और बी एल ओ की भूमिका निर्णायक है- वे घरों में जाकर फॉर्म का सत्यापन करते हैं, गैरहाजिर परिवारों के मामले में पड़ोसियों से जानकारी लेते हैं और वापस संग्रहीत फॉर्मों को ईआरओ/ एईआरओ कार्यालयों में जमा कराते हैं। छात्रों के समर्पण और प्रशासन के समन्वय से उम्मीद है कि पाली जिले में मतदाता सूची अधिक सटीक और समावेशी बनेगी। कॉलेज के प्रतिनिधियों ने जिला निर्वाचन कार्यालय से यह आश्वासन भी प्राप्त किया है कि जिन लोगों के नाम संशोधित या जोड़े जाने हैं, उनके लिए ड्राफ्ट रोल व अंतिम रोल की समयसीमाएँ सार्वजनिक की जाएँगी और यदि आवश्यकता हो तो कॉलेज स्तर पर पुनः जागरूकता सत्र आयोजित किए जाएंगे।
वीसोच कॉलेज का यह पहल न केवल स्थानीय स्तर पर बल्कि पूरे जिले में एक मिसाल बन सकती है — जहां युवा न केवल अपने अधिकारों के प्रति जागरूक होंगे बल्कि दूसरों को भी सही तरीके से जोड़कर लोकतंत्र को मजबूत करने का काम करेंगे। कार्यक्रम के समापन पर सभी अतिथियों ने छात्रों को राष्ट्रीय जिम्मेदारी का भाव बनाए रखने तथा निरंतर जागरूकता फैलाने का आह्वान किया। विशेष गहन पुनरीक्षण- 2026 कार्यक्रम में महाविद्यालय मनमोहन, लता चौहान, कविता , पदमा , सुमन , खरताराम सिरवी ,अशोक सिरवी,दिलीप कुमार , घनश्याम छात्र – छात्र-छात्राओ सहित काॅलेज के उगमराज प्रजापत, भावना बौराणा ,भावना गौराणा , कुन्दन सिंह गुर्जर, अरविंद कुमार इत्यादि की उपस्थिति में विशेष गहन पुनरीक्षण-2026 कार्यक्रम सम्पन्न हुआ एस आई आर जागरूकता सत्र का संचालन मोहम्मद आसिफ सर ने विद्यार्थियों को शपथ दिलवाकर हुआ।
