अकरम खान की रिपोर्ट।
सोजत। पूर्व काबीना मंत्री लक्ष्मी नारायण दवे को राजस्थान में कोई बड़ी जिम्मेदारी मिलने की संभावनाएं प्रबल हो गई हैं। हाल ही में उनके निवास स्थान पर दिग्गज नेताओं की आवाजाही बढ़ने से यह अटकलें और तेज हो गई हैं कि उन्हें शीघ्र ही कोई महत्वपूर्ण पद सौंपा जा सकता है।

दवे पूर्व में पेट्रोलियम, खनिज, पर्यावरण आपदा प्रबंधन और वन मंत्रालय जैसे अहम विभागों का सफलतापूर्वक संचालन कर चुके हैं। इसके अलावा वे प्रदेश भाजपा के प्रवक्ता पद पर भी कार्य कर चुके हैं। राजनीतिक अनुभव और संगठनात्मक क्षमता के चलते वे शीर्ष नेतृत्व के भरोसेमंद माने जाते हैं।
हाल ही में दिल्ली में अचानक बढ़ी राजनीतिक हलचलों के बीच मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे.पी. नड्डा से मुलाकात की। इसके बाद राज्य सरकार द्वारा बोर्डों और आयोगों में वरिष्ठ नेताओं की नियुक्तियों को लेकर तैयारियां शुरू कर दी गई हैं। विश्वसनीय सूत्रों के अनुसार, पूर्व सांसदों और विधायकों को प्राथमिकता दी जाएगी तथा उन्हें सत्ता एवं संगठन दोनों में महत्वपूर्ण भूमिकाएं सौंपी जाएंगी।
इन संभावित नियुक्तियों में जिन वरिष्ठ नेताओं के नाम चर्चा में हैं, उनमें लक्ष्मी नारायण दवे के साथ-साथ ज्योति मिर्धा, अलका गुर्जर, डॉ. राम प्रताप, सुभाष बहेडिया, महेन्द्रजीत मालकीय, लालचंद कटारिया और पुष्प जैन के नाम प्रमुख हैं।
उल्लेखनीय है कि दवे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह, भाजपा अध्यक्ष जे.पी. नड्डा और मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के करीबी माने जाते हैं। उनकी संगठन में गहरी पैठ और अनुभव को देखते हुए उन्हें प्रदेश भाजपा में बड़ी जिम्मेदारी मिलना लगभग तय माना जा रहा है।