✍️ वरिष्ठ पत्रकार ओमप्रकाश बोराणा
जयपुर। युवाओं को नशे की खतरनाक लत से बचाने और स्वस्थ समाज के निर्माण के लिए सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग ने एक महत्वपूर्ण पहल की है। इसके तहत राजस्थान के 10 जिलों में नशा मुक्ति केंद्रों की स्थापना की जाएगी। इन केंद्रों का संचालन स्वयंसेवी संस्थाओं के सहयोग से किया जाएगा।
किन जिलों में खुलेंगे नशा मुक्ति केंद्र?
यह पहल उन जिलों में लागू की जाएगी जहां नशे की समस्या गंभीर रूप ले चुकी है। इन जिलों में शामिल हैं:
1. श्रीगंगानगर
2. हनुमानगढ़
3. जैसलमेर
4. बाड़मेर
5. बीकानेर
6. जालोर
7. चित्तौड़गढ़
8. चूरू
9. अजमेर
10. जयपुर
प्रत्येक जिले में 25-25 बेड के नशा मुक्ति केंद्र स्थापित किए जाएंगे।
सहयोग का मॉडल
इन केंद्रों का संचालन स्वयंसेवी संस्थाओं के माध्यम से किया जाएगा। विभाग ने इन संस्थाओं से आवेदन आमंत्रित किए हैं। संबंधित जिलों के कलेक्टरों के माध्यम से 29 नवंबर तक आवेदन जमा किए जा सकते हैं।
सरकार का उद्देश्य
सामाजिक न्याय विभाग का कहना है कि नशा मुक्ति केंद्रों के माध्यम से युवा पीढ़ी को नशे के जाल से बाहर निकालकर उन्हें सही दिशा में मार्गदर्शन प्रदान किया जाएगा। यह पहल मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य को सुधारने के साथ-साथ परिवारों को नशे के कारण हो रहे नुकसान से बचाने की कोशिश है।
स्वयंसेवी संस्थाओं की भूमिका
स्वयंसेवी संस्थाओं की सहायता से यह केंद्र न केवल नशा छुड़ाने में मदद करेंगे, बल्कि नशे से जुड़ी समस्याओं के बारे में जागरूकता भी फैलाएंगे। केंद्रों में काउंसलिंग, चिकित्सा उपचार और पुनर्वास की सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी।
सरकार की प्रतिबद्धता
राज्य सरकार नशे की समस्या को जड़ से खत्म करने के लिए प्रतिबद्ध है। विभाग के अधिकारी का कहना है,
> “यह पहल न केवल नशे के खिलाफ लड़ाई को मजबूत करेगी, बल्कि एक स्वस्थ और जागरूक समाज बनाने में मददगार साबित होगी।”
सामाजिक संदेश
नशा मुक्ति केंद्रों की यह पहल उन परिवारों के लिए उम्मीद की किरण साबित हो सकती है, जो नशे की समस्या से जूझ रहे हैं। यह कदम युवा पीढ़ी को एक स्वस्थ और सुरक्षित भविष्य की ओर ले जाने में सहायक होगा।
नशा मुक्ति अभियान का यह प्रयास समाज के हर वर्ग के लिए प्रेरणा का स्रोत बन सकता है। सरकार की यह पहल राजस्थान को नशा मुक्त राज्य बनाने की दिशा में मील का पत्थर साबित होगी।