✍️ वरिष्ठ पत्रकार ओमप्रकाश बोराणा

जयपुर। राजस्थान में अवैध धर्मांतरण के मामलों पर रोक लगाने की दिशा में मुख्यमंत्री श्री भजनलाल शर्मा के नेतृत्व वाली सरकार द्वारा उठाए गए कदम को भाजपा प्रदेश अध्यक्ष श्री मदन राठौड़ ने ऐतिहासिक बताया है। उन्होंने कहा कि यह कदम प्रदेश में धार्मिक स्वतंत्रता बनाए रखने और सामाजिक सौहार्द को मजबूत करने में मील का पत्थर साबित होगा।
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष श्री मदन राठौड़ ने आज जयपुर में मीडिया को संबोधित करते हुए कहा, “राजस्थान में अवैध धर्मांतरण की घटनाएं एक गंभीर समस्या बन चुकी थीं। इस पर अंकुश लगाने के लिए सरकार ने जो कड़े निर्णय लिए हैं, वह न केवल अनुकरणीय हैं, बल्कि अन्य राज्यों के लिए भी एक मिसाल बनेंगे।”
अवैध धर्मांतरण रोकने के लिए बनाए गए कड़े प्रावधान
मुख्यमंत्री श्री भजनलाल शर्मा की सरकार ने हाल ही में एक विशेष विधेयक को मंजूरी दी है, जिसके तहत अवैध धर्मांतरण करने वालों को कड़ी सजा का प्रावधान किया गया है। इस कानून के अनुसार:
जबरन, धोखे या लालच देकर धर्म परिवर्तन कराने पर दोषी पाए जाने वालों को 5 से 10 साल तक की सजा होगी।
धर्मांतरण से जुड़े मामलों की जांच के लिए एक विशेष टास्क फोर्स का गठन किया गया है।
अवैध धर्मांतरण के मामलों को तेजी से निपटाने के लिए विशेष अदालतें बनाई जाएंगी।
प्रदेश में मिलेगा सामाजिक न्याय
श्री राठौड़ ने कहा कि यह कदम गरीब और कमजोर वर्गों को जबरन धर्म परिवर्तन से बचाने में मदद करेगा। उन्होंने यह भी कहा कि यह कानून सभी धर्मों के प्रति समानता का आदर करता है और किसी भी समुदाय की धार्मिक स्वतंत्रता में हस्तक्षेप नहीं करेगा।
विपक्ष का विरोध और भाजपा की प्रतिक्रिया
इस मुद्दे पर विपक्ष ने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि यह कदम अल्पसंख्यकों के अधिकारों का हनन कर सकता है। हालांकि, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने इन आरोपों को खारिज करते हुए कहा, “यह कानून सभी धर्मों के सम्मान को बनाए रखने के लिए है। इसमें किसी भी समुदाय के खिलाफ भेदभाव नहीं किया गया है।”
जनता की प्रतिक्रिया
सरकार के इस फैसले को लेकर आम जनता के बीच सकारात्मक प्रतिक्रिया देखने को मिल रही है। समाज के विभिन्न वर्गों ने इसे समय की मांग बताते हुए मुख्यमंत्री श्री भजनलाल शर्मा और उनकी टीम की प्रशंसा की है।
राजस्थान में अवैध धर्मांतरण रोकने के लिए उठाए गए इस ऐतिहासिक कदम ने न केवल राज्य बल्कि पूरे देश में एक नई बहस को जन्म दिया है। यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि यह कानून जमीन पर कितना प्रभावी साबित होता है और अवैध धर्मांतरण की समस्या को खत्म करने में कितना सफल होता है।