राजस्थान के अलवर जिले में साइबर ठगी का एक नया और खतरनाक तरीका सामने आया है। गोविंदगढ़ थाना पुलिस ने एक ऐसे ठग को गिरफ्तार किया है, जो लोगों को व्हाट्सएप पर उनके खाते में पैसे क्रेडिट होने का फर्जी संदेश भेजकर, उन्हें वापस लेने के लिए क्यूआर कोड साझा करता था। इस नई तकनीक का उपयोग करके ठग लोगों को भ्रमित कर उनके बैंक खातों से पैसे उड़ा देता था।

सावधान! आपकी एक गलती से खाली हो सकता है अकाउंट: अलवर पुलिस ने साइबर ठग को दबोचा
कैसे करता था ठगी?
आरोपी, मनीष खां (20 वर्ष), गोविंदगढ़ के छज्जू का वास का रहने वाला है। वह एंड्रॉयड मोबाइल के जरिए एक विशेष एप्लीकेशन का उपयोग करता था, जो ट्रांजैक्शन सक्सेसफुल का फर्जी संदेश तैयार करती थी। यह संदेश ऐसा प्रतीत होता था मानो किसी के खाते में पैसे ट्रांसफर हुए हों। ठग व्हाट्सएप के जरिए इन संदेशों को भेजता था और बाद में उन पैसों को वापस करने के लिए क्यूआर कोड साझा करता था। जब व्यक्ति उस क्यूआर कोड को स्कैन करता, तो ठग के खाते में पैसे ट्रांसफर हो जाते।
गिरफ्तारी की कहानी
गोविंदगढ़ थाना प्रभारी नेकीराम ने बताया कि आरोपी को उस समय गिरफ्तार किया गया, जब वह अपने घर की सीढ़ियों पर बैठकर ठगी की योजना बना रहा था। पुलिस ने उसके कब्जे से एक एंड्रॉयड मोबाइल जब्त किया है, जिसमें कई फर्जी ट्रांजैक्शन मैसेज और क्यूआर कोड पाए गए। पूछताछ में आरोपी ने स्वीकार किया कि वह लोगों को भ्रमित करके उनके बैंक खातों से पैसे चुराता था।
कैसे फंसाता था ठग?
- फर्जी ट्रांजैक्शन मैसेज: आरोपी एप्लीकेशन का उपयोग करके व्हाट्सएप पर पैसे ट्रांसफर होने का झूठा मैसेज भेजता था।
- क्यूआर कोड का जाल: पैसे वापस करने के नाम पर क्यूआर कोड भेजता और लोगों से उसे स्कैन करवा लेता।
- बैंक खातों की लूट: जैसे ही लोग क्यूआर कोड स्कैन करते, उनके खाते से पैसे ठग के खाते में ट्रांसफर हो जाते।
- अनजान नंबरों का इस्तेमाल: आरोपी ने बिना सेव किए हुए नंबरों पर फर्जी मैसेज भेजकर ठगी की वारदात को अंजाम दिया।
क्या है यह एप्लीकेशन?
पुलिस के अनुसार, ठग ने एक विशेष एप्लीकेशन का इस्तेमाल किया, जो बाजार में 50-60 हजार रुपये में उपलब्ध है। यह एप्लीकेशन किसी भी फोन नंबर पर फर्जी ट्रांजैक्शन मैसेज भेज सकती है। इस तकनीक का दुरुपयोग कर ठग लोगों को भ्रमित कर रहे हैं।
पुलिस की कार्रवाई
आरोपी की गिरफ्तारी के बाद पुलिस ने साइबर ठगी के इस तरीके के प्रति लोगों को सतर्क रहने की अपील की है। थाना प्रभारी नेकीराम ने बताया कि आरोपी के मोबाइल में सैकड़ों फर्जी मैसेज और क्यूआर कोड मिले हैं। पुलिस अब यह जांच कर रही है कि आरोपी ने अब तक कितने लोगों को ठगा है और इस अपराध में और कौन-कौन शामिल हो सकता है।
सतर्कता ही बचाव
इस घटना से सीख लेते हुए, साइबर ठगी से बचने के लिए निम्नलिखित सावधानियां बरतें:
- फर्जी मैसेज पर विश्वास न करें: यदि किसी अनजान नंबर से पैसे ट्रांसफर होने का मैसेज आए, तो तुरंत उसे सत्यापित करें।
- क्यूआर कोड को स्कैन करने से बचें: किसी भी अनजान क्यूआर कोड को स्कैन करने से पहले उसकी वैधता सुनिश्चित करें।
- बैंक डिटेल्स साझा न करें: किसी भी अनजान व्यक्ति के साथ अपने बैंक खाते की जानकारी साझा न करें।
- साइबर सेल को रिपोर्ट करें: ठगी का शिकार होने पर तुरंत स्थानीय साइबर सेल से संपर्क करें।