कारगिल विजय दिवस वीर सैनिकों की अदम्य साहस, बलिदान और देशभक्ति की याद दिलाता है : हवलदार अशोक सेन
पूर्व सैनिक संगठन ने मनाया कारगिल विजय दिवस
वरिष्ठ पत्रकार अब्दुल समद राही
सोजत। कारगिल विजय दिवस वीर सैनिकों की अदम्य साहस, बलिदान और देशभक्ति की याद दिलाता है उक्त उद्गार पूर्व सैनिक संगठन के सचिव हवलदार अशोक सेन ने रामेलाव तलाब स्थित सेन बगेची में कारगिल विजय दिवस पर आयोजित समारोह में व्यक्त किए उन्होंने कहा कि 1999 में कारगिल युद्ध के दौरान भारतीय सेना ने दुश्मनों को पराजित कर तिरंगे को फिर से ऊंचाइयों पर लहराया था। कार्यक्रम की अध्यक्षता करें संस्था अध्यक्ष पाबू सिंह जैतावत ने कहा कि कारगिल विजय दिवस ये एक ऐसा दिन जो हर भारतीय के दिल में गर्व भर देता है। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि पूर्व खेल अधिकारी सत्तू सिंह भाटी ने कहा कि कारगिल विजय दिवस वीर सैनिकों के बलिदान, साहस और देशभक्ति की मिसाल है। कारगिल युद्ध में हमारे जवानों ने असंभव को संभव कर दिखाया। भारत माता के सभी वीर जवानों के शौर्य व पराक्रम को देश सदैव याद रखेगा। भाटी ने एक कविता पढ़कर भी शहीदों को याद किया। कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि सोजत सकल जैन संघ अध्यक्ष महेंद्र मेहता ने कहा कि कारगिल विजय दिवस हमें याद दिलाता है कि देश की रक्षा केवल सेना की जिम्मेदारी नहीं ये हम सबकी जिम्मेदारी है। वशिष्ठ अतिथि भामाशाह जवरी लाल बोराणा ने शहीदों को श्रद्धांजलि देते हुए उन्हें भारत का गौरव बताया। कवि कथाकार डॉक्टर रशीद गोरी ने अपनी वीररस की कविताओं के माध्यम से शहीदों को याद किया। कार्यक्रम का सरस संचालन वरिष्ठ साहित्यकार अब्दुल समद राही ने अपने चिर-परिचित जोशिले अंदाज में किया। इस अवसर पर सार्जेंट नाथू सिंह भाटी, भंवर सिंह, जोग सिंह, रामचंद्र गहलोत, गणपत सिंह, सार्जेंट भूंडाराम, हवलदार कालू सिंह, लक्ष्मीनारायण सेन, दिनेश सोलंकी, अनवर पठान, ठेकेदार रिजवान खताई, ठेकेदार असलम कुरैशी आदि कई पूर्व सैनिक और गणमान्य जन उपस्थित थे। भामाशाह जवरी लाल बोराणा द्वारा अल्पाहार की व्यवस्था की गई।