डूंगरपुर जिले के चौरासी थाना क्षेत्र के हड़मतिया गांव में एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है। इस घटना ने पूरे इलाके को झकझोर कर रख दिया है। एक 30 वर्षीय महिला ने पहले अपनी 2 साल की मासूम बच्ची को कुएं में फेंककर उसकी जान ले ली और फिर खुद पेड़ से फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। इस घटना के कारणों का अभी तक पता नहीं चल पाया है, लेकिन पुलिस मामले की गहराई से जांच कर रही है।
कैसे हुई यह हृदयविदारक घटना?
चौरासी थाना पुलिस के अनुसार, हड़मतिया गांव निवासी भावना अहारी ने इस घटना को अंजाम दिया। भावना, जो तीन बच्चों की मां थी, अपने सास-ससुर के साथ गांव में रहती थी। उसका पति दिनेश अहारी गुजरात में काम करता है और घर से दूर रहता है।
आज सुबह भावना ने अपनी 2 साल की मासूम बच्ची को घर के पास स्थित एक कुएं में फेंक दिया। बच्ची की मौत की पुष्टि होते ही भावना ने घर के नजदीक एक पेड़ पर फांसी लगाकर अपनी जीवन लीला समाप्त कर ली।

हैवान मां: 2 साल की मासूम को कुएं में फेंका, फिर खुद पेड़ से झूलकर दी जान
घटना के बाद का माहौल
इस दर्दनाक घटना की जानकारी मिलते ही गांव में हड़कंप मच गया। आसपास के ग्रामीण मौके पर पहुंचे और पुलिस को सूचित किया। पुलिस ने तुरंत घटनास्थल का दौरा किया और स्थिति का जायजा लिया।
भावना के इस कदम से हर कोई स्तब्ध है। पुलिस ने भावना के पति और मायके पक्ष को इस घटना की सूचना दी। पति दिनेश और मृतका के मायके पक्ष के लोग घटना की जानकारी मिलते ही गांव पहुंचे।
परिवार और पड़ोसियों के बयान
ग्रामीणों और पड़ोसियों के अनुसार, भावना शांत स्वभाव की महिला थी और अपने बच्चों के साथ सामान्य जीवन बिता रही थी। हालांकि, कुछ लोगों ने यह भी कहा कि भावना अक्सर अकेली रहती थी, क्योंकि उसका पति दिनेश गुजरात में काम करता था।
ससुराल वालों ने बताया कि उन्हें नहीं पता कि भावना ने ऐसा कठोर कदम क्यों उठाया। बच्चे भी इस घटना के दौरान घर पर मौजूद थे और इस त्रासदी से अनजान थे।
पुलिस की जांच और संभावित कारण
पुलिस ने बताया कि अभी तक इस घटना के पीछे के कारणों का खुलासा नहीं हो पाया है। फिलहाल, पुलिस सभी पहलुओं से जांच कर रही है।
- मानसिक तनाव: पुलिस का मानना है कि महिला किसी मानसिक तनाव से गुजर रही हो सकती है।
- घरेलू कलह: यह भी संभावना है कि ससुराल या पति से जुड़े घरेलू विवाद ने भावना को यह कदम उठाने पर मजबूर किया हो।
- आर्थिक समस्या: परिवार में आर्थिक तंगी या अन्य समस्याएं भी इस घटना की वजह हो सकती हैं।
मासूम की मौत ने झकझोरा दिल
2 साल की मासूम बच्ची, जो अभी दुनिया को समझने की उम्र में थी, अपनी मां के हाथों मौत का शिकार हो गई। ग्रामीण और पुलिस दोनों इस बात से स्तब्ध हैं कि एक मां, जो अपने बच्चों की रक्षा के लिए जानी जाती है, अपनी ही संतान के लिए ऐसी निर्दयता कैसे दिखा सकती है।
आसपास के लोगों की प्रतिक्रिया
इस घटना ने पूरे गांव को हिलाकर रख दिया है। लोग इस बात पर यकीन नहीं कर पा रहे हैं कि भावना जैसी महिला ने यह कदम क्यों उठाया।
पुलिस का अगला कदम
पुलिस ने शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बाद घटना के कारणों पर और रोशनी पड़ने की संभावना है। इसके अलावा, पुलिस भावना के पति, ससुराल वालों और मायके पक्ष से पूछताछ कर रही है।
क्या कहना है विशेषज्ञों का?
मनोवैज्ञानिकों का मानना है कि इस प्रकार की घटनाएं अक्सर मानसिक तनाव, अवसाद या घरेलू हिंसा के कारण होती हैं। यह घटना सामाजिक समस्याओं पर भी सवाल खड़े करती है और परिवारों में संवाद और समर्थन की आवश्यकता को रेखांकित करती है।