सोजत न्यूज़ वरिष्ठ पत्रकार ओमप्रकाश बोराणा
आगामी 07 सितम्बर 2025, रविवार को वर्ष का एक महत्वपूर्ण खगोलीय घटना घटित होने जा रही है। इस दिन खंडग्रास चंद्रग्रहण होगा, जो भारत सहित अनेक देशों में दिखाई देगा। भारतीय ज्योतिषाचार्यों के अनुसार यह ग्रहण पालनीय नियमों के साथ विशेष धार्मिक महत्व रखता है।
⏰ ग्रहण का समय
प्रारंभ : रात्रि 09:57 बजे
मध्यकाल : मध्यरात्रि 12:11 बजे
समाप्ति : 01:26 बजे (8 सितम्बर की भोर)
इस अवधि में लोग विशेष रूप से मंत्र-जप, ध्यान और दान-पुण्य कर सकते हैं।
🌙 चंद्रग्रहण मंत्र
ज्योतिष परंपरा के अनुसार ग्रहण के दौरान इस मंत्र का जप अत्यंत फलदायी माना गया है—
“ॐ ऐं क्लीं सोमाय नमः”
श्रद्धालुजन एक माला अथवा अधिक की संख्या में इस मंत्र का जप कर सकते हैं।
✅ ग्रहण के समय क्या करें
1. जप-ध्यान और साधना करें – ग्रहण के समय किए गए मंत्रजप और ध्यान का फल सामान्य दिनों की तुलना में लाखों गुना अधिक मिलता है।
2. दान-पुण्य करें – गायों को घास, पक्षियों को अन्न और जरूरतमंदों को वस्त्र व भोजन देना श्रेष्ठ पुण्यदायी है।
3. स्नान और शुद्धि कर्म – ग्रहण प्रारंभ होने पर स्नान करें, मध्यकाल में होम व देवपूजन और ग्रहण समाप्ति के बाद वस्त्रसहित स्नान करना आवश्यक है।
4. गंगाजल और ब्राह्मी घृत का प्रयोग – विद्वानों के अनुसार गंगाजल का प्रयोग करने से पुण्य करोड़ों गुना बढ़ जाता है।
5. गुरु मंत्र या इष्ट मंत्र का जप – ग्रहणकाल में गुरुमंत्र का जप न करने से मंत्र मलिन हो जाता है।
❌ ग्रहण के समय क्या न करें
भोजन और जल का सेवन वर्जित है।
ताला खोलना, सोना, दंतधावन (दांत साफ करना), स्नान में गरम पानी का उपयोग, मल-मूत्र त्याग और मैथुन करना वर्जित है।
नए कार्य की शुरुआत नहीं करनी चाहिए।
गर्भवती महिलाओं को विशेष सावधानी रखनी चाहिए, ग्रहण के समय तेज रोशनी या आकाश देखने से परहेज करें।
ग्रहण के दौरान दूसरे का अन्न खाने से बारह वर्षों का पुण्य नष्ट हो जाता है।
📜 शास्त्रों में वर्णित महत्व
स्कन्द पुराण : दूसरे का अन्न खाने से संचित पुण्य नष्ट हो जाता है।
देवी भागवत : भूकंप या ग्रहण के समय पृथ्वी की खुदाई निषिद्ध है।
ब्रह्मवैवर्त पुराण : अस्त होते सूर्य और चंद्रमा को नहीं देखना चाहिए, इससे रोगों का भय होता है।
वेदव्यासजी का वचन : सामान्य दिनों की अपेक्षा चंद्रग्रहण में किया गया पुण्य एक लाख गुना और सूर्यग्रहण में दस लाख गुना फलदायी होता है।
आगामी 07 सितम्बर का चंद्रग्रहण केवल खगोलीय घटना ही नहीं बल्कि धार्मिक और आध्यात्मिक दृष्टि से भी अत्यंत महत्वपूर्ण है। आस्था और श्रद्धा के साथ यदि नियमों का पालन करते हुए जप-ध्यान और दान-पुण्य किया जाए तो साधकों को अपार फल की प्राप्ति होती है।
07 सितम्बर 2025 को खंडग्रास चंद्रग्रहण : जानें क्या करें और क्या न करें

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