

✍️ वरिष्ठ पत्रकार ओमप्रकाश बोराणा
मध्यप्रदेश में आयकर विभाग और लोकायुक्त पुलिस की छापेमारी से सनसनीखेज खुलासे हो रहे हैं। एक पूर्व आरटीओ कांस्टेबल सौरभ शर्मा पर छापेमारी के बाद हैरान करने वाले तथ्य सामने आए हैं। महज 40 हजार रुपए मासिक वेतन की नौकरी करने वाले इस व्यक्ति के पास 100 किलो से अधिक सोना-चांदी और करीब 13 करोड़ रुपए कैश होने की आशंका है।
शनिवार को एक जंगल में लावारिस हालत में खड़ी इनोवा कार से 52 किलो सोना और 10 करोड़ कैश बरामद किया गया। जांच में पता चला कि इस कार का मालिक सौरभ शर्मा का करीबी दोस्त चंदन सिंह गौड़ है। इसके एक दिन पहले सौरभ के घर से लोकायुक्त पुलिस ने 2.85 करोड़ कैश, 50 लाख के गहने और 60 किलो चांदी बरामद की थी।
जंगल में मिली कार का कनेक्शन
ग्वालियर निवासी चंदन सिंह गौड़ के नाम रजिस्टर्ड सफेद रंग की इनोवा कार जंगल में लावारिस हालत में मिली थी। कार पर आरटीओ का स्टीकर और हूटर लगा हुआ था। पुलिस को शक है कि कार में मिले 52 किलो सोना और 10 करोड़ कैश का संबंध सौरभ शर्मा से है। सूत्रों के मुताबिक, सौरभ और चंदन घनिष्ठ मित्र थे।
छापेमारी में चौंकाने वाली संपत्ति बरामद
लोकायुक्त पुलिस ने सौरभ शर्मा के भोपाल स्थित पॉश अरेरा कॉलोनी के आवास पर छापेमारी की। यहां से 2.85 करोड़ रुपए नकद, 50 लाख के सोने के गहने, 60 किलो चांदी, और संपत्तियों के दस्तावेज बरामद हुए। उसके घर से नोट गिनने की सात मशीनें भी मिलीं।
13 करोड़ कैश और 100 किलो से अधिक सोना-चांदी का संदेह
यदि जंगल में मिली कार में बरामद संपत्ति भी सौरभ शर्मा से जुड़ती है, तो उसकी कुल अवैध संपत्ति 13 करोड़ नकद और 100 किलो से अधिक सोना-चांदी तक पहुंच सकती है।
लोकायुक्त और आयकर विभाग की जांच जारी
आयकर विभाग और लोकायुक्त पुलिस इस मामले में सौरभ शर्मा और चंदन गौड़ की तलाश कर रही है। दोनों फरार हैं। जांच में यह भी पता लगाया जा रहा है कि क्या इस कालेधन से और कोई सफेदपोश व्यक्ति जुड़ा हुआ है।
विपक्ष ने लगाए गंभीर आरोप
विधानसभा में विपक्ष के नेता उमंग सिंघार ने आरोप लगाया कि यह मामला राजनेताओं और नौकरशाहों की साठगांठ का नतीजा है। उन्होंने मांग की है कि इस प्रकरण की निष्पक्ष जांच होनी चाहिए।
आलीशान कोठी और रहन-सहन पर सवाल
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, सौरभ शर्मा की आलीशान कोठी देखकर लोग हैरान रह गए। एक साधारण नौकरी करने वाले व्यक्ति के पास इतनी बड़ी संपत्ति कैसे आई, यह सवाल लोकायुक्त और आम जनता के मन में है।
*क्या है सौरभ शर्मा का बैकग्राउंड?*
सौरभ शर्मा मध्यप्रदेश परिवहन विभाग में कांस्टेबल के पद पर कार्यरत थे। उन्होंने एक साल पहले वीआरएस ले लिया था। उनके नाम पर दर्ज संपत्तियों की जांच जारी है।
देशभर में चर्चा का विषय
यह मामला पूरे देश में चर्चा का विषय बन गया है। आयकर विभाग और लोकायुक्त पुलिस के मुताबिक, अभी और भी बड़े खुलासे हो सकते हैं। यह देखना होगा कि जांच आगे क्या मोड़ लेती है और इस प्रकरण से कौन-कौन से बड़े नाम जुड़े हुए निकलते हैं।