✍️ वरिष्ठ पत्रकार ओमप्रकाश बोराणा
अयोध्या के श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के पास रामलला के प्रति श्रद्धालुओं की आस्था हर दिन नई ऊंचाइयों को छू रही है। अप्रैल से अक्तूबर तक की अवधि में रामलला को दान के रूप में 78 करोड़ रुपये प्राप्त हुए हैं। इसके साथ ही 105 करोड़ रुपये ब्याज के रूप में ट्रस्ट की आय में जुड़े हैं।
रोजाना 80 हजार श्रद्धालुओं की उपस्थिति
अयोध्या में रामलला के दर्शन के लिए हर दिन करीब 80 हजार श्रद्धालु पहुंच रहे हैं। यह संख्या त्योहारों और विशेष धार्मिक अवसरों पर और भी बढ़ जाती है। श्रद्धालुओं का यह सैलाब न केवल मंदिर निर्माण में योगदान दे रहा है, बल्कि स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी नई ऊंचाइयों पर ले जा रहा है।
दान के माध्यम और स्रोत
श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट को यह दान अलग-अलग माध्यमों से मिल रहा है। इसमें ऑनलाइन डोनेशन, नकद, चेक और अन्य माध्यम शामिल हैं। भक्तों द्वारा दिए गए इस दान का उपयोग मंदिर निर्माण कार्य और अन्य धार्मिक गतिविधियों के लिए किया जा रहा है।
ब्याज से 105 करोड़ की आय
ट्रस्ट द्वारा प्राप्त राशि को सुरक्षित और लाभकारी निवेश योजनाओं में रखा गया है, जिससे इस साल 105 करोड़ रुपये ब्याज के रूप में प्राप्त हुए हैं। यह राशि ट्रस्ट के कार्यों को वित्तीय स्थिरता प्रदान कर रही है।
राममंदिर निर्माण कार्य तेज़ी पर
मंदिर निर्माण कार्य तीव्र गति से चल रहा है और अनुमान है कि अगले साल मकर संक्रांति के शुभ अवसर पर भगवान श्रीरामलला को उनके भव्य गर्भगृह में स्थापित किया जाएगा। श्रद्धालुओं की उत्सुकता और सहयोग इस ऐतिहासिक परियोजना को साकार करने में प्रमुख भूमिका निभा रहे हैं।
आस्था का बढ़ता प्रवाह
श्रद्धालुओं का यह समर्पण और दान अयोध्या में राममंदिर को केवल एक धार्मिक स्थल ही नहीं, बल्कि वैश्विक आस्था का केंद्र बना रहा है। यह न केवल भारतीय संस्कृति की अद्वितीयता को प्रदर्शित करता है, बल्कि रामलला के प्रति लोगों की गहरी आस्था का प्रतीक भी है।
रामलला के प्रति श्रद्धा और दान की यह अद्वितीय यात्रा भारतीय धर्म और संस्कृति का एक गौरवपूर्ण अध्याय है। इस साल के आंकड़े दिखाते हैं कि भक्तजनों का योगदान न केवल मंदिर निर्माण कार्य में सहायक है, बल्कि यह आस्था की एक नई परिभाषा भी रच रहा है।