सोजत। मेहंदी नगरी सोजत में स्थानीय मीडिया समूह द्वारा 22 से 23 जुलाई तक सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर किए गए एक सर्वे में चौंकाने वाले नतीजे सामने आए। सर्वे के अनुसार 75 प्रतिशत नागरिकों का मानना है कि सोजत के सरकारी विभागों में जनता से जुड़े कार्य समय पर पूरे नहीं होते। वहीं 5 प्रतिशत नागरिकों का कहना है कि सरकारी विभागों से जुड़े काम समय पर हो जाते हैं, जबकि 20 प्रतिशत लोगों का कहना है कि विभागों में उनके आवश्यक कार्यों को जानबूझकर अटका दिया जाता है।
धार्मिक व आध्यात्मिक स्थलों पर राय
सर्वे के दौरान 55 प्रतिशत नागरिकों ने सुकड़ी नदी किनारे जोधपुरिया गेट के बाहर हरे-भरे वृक्षों, रंग-बिरंगे जीव-जंतुओं और कपिला धेनु के आश्रय स्थल गुरु फूल नारायण आश्रम को सबसे शांतिपूर्ण और सुकून देने वाला धार्मिक-आध्यात्मिक स्थान बताया।
इसके अलावा 20 प्रतिशत लोगों ने सुरेश्वर सरोवर बागेलाव की पाल स्थित प्राचीन सुरेश्वर महादेव मंदिर को प्रमुख धार्मिक केंद्र बताया। 15 प्रतिशत नागरिकों ने पूरणेश्वर धाम, जबकि 10 प्रतिशत लोगों ने नीलकंठ महादेव मंदिर राम प्याऊ को सुकून देने वाला आध्यात्मिक स्थल बताया।
जनप्रतिनिधियों पर सर्वे की राय
सर्वे में शामिल 99 प्रतिशत नागरिकों ने माना कि अब तक सोजत क्षेत्र के सबसे सक्रिय और विकास के प्रति समर्पित जनप्रतिनिधि पूर्व विधायक एवं पूर्व काबिना मंत्री लक्ष्मीनारायण दवे रहे हैं, जो आमजन की समस्याओं के समाधान को लेकर त्वरित प्रतिक्रिया देते थे।
भ्रष्टाचार पर नागरिकों की चिंता
सर्वे में 60 प्रतिशत नागरिकों ने सोजत के सरकारी विभागों में भ्रष्टाचार और रिश्वतखोरी की स्थिति को अत्यंत गंभीर बताया।
सर्वे में भाग लेने वाले कुछ प्रमुख शहरवासी।
इस सर्वे में मो. खालिद सिद्दीकी, एडवोकेट गजेन्द्र मेहता, पुरुषोत्तम पारीक, ताराचंद, सुनील जोगिड़, कपील ओझा, महेन्द्र राय, हनीफ सिलावट, जगदीश निकुंम, अमर सोलंकी, रमेश व्यास, ओमप्रकाश ओझा, नरेन्द्र दवे सहित कई लोगों ने भाग लेकर अपनी बेबाक राय और सुझाव दिए।