✍️ वरिष्ठ पत्रकार ओमप्रकाश बोराणा
जयपुर में शुक्रवार को हुए एलपीजी टैंकर ब्लास्ट ने पूरे शहर को झकझोर कर रख दिया है। हादसे में मरने वालों की संख्या शनिवार को बढ़कर 14 हो गई। शुक्रवार सुबह अजमेर रोड पर हुए इस हादसे में पांच लोग मौके पर ही जिंदा जल गए थे। इसके बाद आठ घायलों ने सवाई मानसिंह (एसएमएस) अस्पताल में इलाज के दौरान दम तोड़ा, जबकि एक की मौत जयपुरिया अस्पताल में हुई।
झुलसे लोगों की स्थिति गंभीर
हादसे में घायल 27 लोग अब भी अस्पताल में भर्ती हैं। इनमें से सात की हालत गंभीर है और वे वेंटिलेटर पर हैं। डॉक्टरों के अनुसार, झुलसे हुए 25 लोग 75% तक जल चुके हैं, जिससे उनके बचने की संभावना कम हो रही है।
पहचान के लिए डीएनए टेस्ट की मदद
एसएमएस अस्पताल पहुंचे पांच शव इतनी बुरी तरह जल चुके हैं कि उनकी पहचान करना मुश्किल हो गया है। मृतकों के परिजनों ने पहचान के लिए डीएनए सैंपल दिए हैं, जिन्हें फॉरेंसिक लैब भेजा गया है। अस्पताल प्रशासन का कहना है कि रिपोर्ट आने में समय लग सकता है।
कैसे हुआ हादसा?
यह दर्दनाक घटना शुक्रवार सुबह 5:44 बजे दिल्ली पब्लिक स्कूल के पास हुई। भारत पेट्रोलियम का एलपीजी टैंकर अजमेर से जयपुर की तरफ आ रहा था। टैंकर ने यू-टर्न लिया, तभी जयपुर से अजमेर की ओर जा रहे एक तेज रफ्तार ट्रक ने उसे टक्कर मार दी। टक्कर से टैंकर पलट गया और तुरंत उसमें भीषण आग लग गई। आसपास के कई वाहन भी आग की चपेट में आ गए।
स्थानीय प्रशासन और राहत कार्य
हादसे के बाद दमकल विभाग और प्रशासन ने तुरंत मौके पर पहुंचकर आग पर काबू पाया। हालांकि, आग इतनी भीषण थी कि राहत कार्य में काफी मुश्किलें आईं। पुलिस ने घटना स्थल को सील कर दिया है और यातायात को दूसरी ओर मोड़ दिया गया है।
मुख्यमंत्री ने की मुआवजे की घोषणा
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने हादसे पर गहरा दुख व्यक्त किया है। उन्होंने मृतकों के परिजनों को ₹5 लाख और घायलों को ₹2 लाख की सहायता राशि देने की घोषणा की है। साथ ही घटना की जांच के आदेश भी दिए हैं।
जिम्मेदारी तय होगी?
यह सवाल अब भी बना हुआ है कि इस हादसे के लिए जिम्मेदार कौन है। शुरुआती जांच में टैंकर ड्राइवर की लापरवाही की बात सामने आई है। पुलिस ने टैंकर और ट्रक ड्राइवर के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है और उनकी गिरफ्तारी के प्रयास जारी हैं।
आगे क्या?
जयपुर के इस भयानक हादसे ने शहरवासियों को सदमे में डाल दिया है। प्रशासन ने मृतकों की पहचान और राहत कार्यों को प्राथमिकता दी है, लेकिन पीड़ित परिवार न्याय और जवाबदेही की मांग कर रहे हैं।