✍️ वरिष्ठ पत्रकार ओमप्रकाश बोराणा
भोपाल: मेंडोरी के जंगल में गुरुवार रात आयकर विभाग ने बड़ी कार्रवाई करते हुए 52 किलो सोना और 11 करोड़ रुपए नकद जब्त किए। इस दौरान एक इनोवा कार और दस्तावेज भी बरामद किए गए। जांच के दौरान खुलासा हुआ कि ये मामला 100 करोड़ रुपए के लेन-देन से जुड़ा है। इसमें पूर्व आरटीओ कॉन्स्टेबल सौरभ शर्मा की संलिप्तता पाई गई है।
आयकर विभाग को सौरभ की एक डायरी मिली है, जिसमें 52 जिलों के आरटीओ के नाम और नंबर दर्ज हैं। इस डायरी से पता चलता है कि सौरभ ने परिवहन विभाग के अफसरों के साथ मिलकर करोड़ों का लेन-देन किया। विभाग अब इन अफसरों और मुख्यालय के अधिकारियों की भूमिका की जांच कर रहा है।
100 करोड़ का नेटवर्क: आरटीओ से मिली रकम का हिसाब
सौरभ शर्मा को स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति (VRS) लेने के बाद भी प्रदेश के आरटीओ अधिकारियों से पैसे मिलते थे। डायरी में यह दर्ज है कि किस अधिकारी से कितनी रकम मिली और इसे कहां भेजा गया।
संपत्ति का खुलासा: सोना, चांदी, नकद और आलीशान जीवनशैली
आयकर विभाग की जांच में सौरभ के ठिकानों से 7.98 करोड़ की संपत्ति मिली:
मकान E-7/78:
कार और घरेलू सामान: 2.21 करोड़ रुपए
सोने-हीरे के जेवर: 50 लाख रुपए
नकद: 1.15 करोड़ रुपए
कुल बरामदगी: 3.86 करोड़ रुपए
चांदी:
235 किलो चांदी, कीमत: 21 लाख रुपए
कुल बरामदगी: 4.12 करोड़ रुपए
सौरभ शर्मा का सफर: आरक्षक से बिल्डर तक
2016 में अनुकंपा नियुक्ति के तहत ग्वालियर में कॉन्स्टेबल बने सौरभ ने जल्द ही आलीशान जीवनशैली अपनाई। विभागीय शिकायतों के बाद उसने VRS ले ली और प्रॉपर्टी में बड़े निवेश शुरू कर दिए।
मुख्य किरदार: चेतन सिंह गौर की भूमिका
सौरभ के सहयोगी चेतन सिंह गौर ने आयकर विभाग को बताया कि वह सौरभ के लिए एक वर्कर की तरह काम करता था। सौरभ ने चेतन के नाम पर संपत्तियां खरीदीं और पेट्रोल पंप का आवंटन कराया।
भविष्य की कार्रवाई:
आयकर विभाग अब 52 जिलों के आरटीओ अफसरों और परिवहन विभाग के शीर्ष अधिकारियों से पूछताछ की तैयारी कर रहा है। माना जा रहा है कि यह जांच और कई बड़े खुलासे कर सकती है।