सोजत न्यूज़ वरिष्ठ पत्रकार ओमप्रकाश बोराणा
02 जनवरी, गुरुवार 2025

जयपुर: राजस्थान की राजनीति में अशोक गहलोत का नाम एक बड़े और प्रभावशाली नेता के रूप में लिया जाता है। पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गहलोत का सियासी कद हमेशा ऊंचा रहा है, लेकिन हाल के घटनाक्रमों ने उनके राजनीतिक करियर पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। लोकसभा चुनाव में उनके बेटे वैभव गहलोत की हार और उपचुनाव में कांग्रेस को झटका मिलने के बाद हाल ही में भजनलाल सरकार द्वारा गहलोत के बनाए 9 नए जिलों को खत्म करने के फैसले ने उन्हें एक और झटका दिया।
अब, उनके गृह जिले जोधपुर में लगे ‘लापता विधायक’ के पोस्टरों ने राजनीति को और गरमा दिया है। इन पोस्टरों के जरिए स्थानीय जनता ने अपनी नाराजगी जाहिर की है, जिससे अशोक गहलोत के राजनीतिक गढ़ सरदारपुरा में सियासी भूचाल खड़ा हो गया है।
सरदारपुरा: गहलोत का सियासी गढ़ बना असंतोष का केंद्र
अशोक गहलोत के लापता होने के पोस्टर उनके विधानसभा क्षेत्र सरदारपुरा में लगाए गए हैं। सरदारपुरा को गहलोत का मजबूत गढ़ माना जाता है, जहां से वह वर्षों से विधायक रहे हैं। लेकिन अब उनके ही क्षेत्र के लोगों ने सार्वजनिक रूप से नाराजगी व्यक्त की है।
चुनाव जीतने के बाद क्षेत्र से दूरी पर उठे सवाल
स्थानीय लोगों का आरोप है कि चुनाव जीतने के बाद गहलोत ने अपने क्षेत्र का दौरा तक नहीं किया। सांसी कॉलोनी के निवासी अजय सांसी ने कहा, “गहलोत साहब हमेशा कहते थे कि जनता से जुड़े रहेंगे, लेकिन अब ऐसा लगता है कि वह हमसे पूरी तरह दूर हो गए हैं।”
वार्ड 69 स्थित सांसी कॉलोनी में लगे इन पोस्टरों में लिखा गया है, “हमारे विधायक जी लापता हैं। जो भी सूचना देगा, उसे धन्यवाद दिया जाएगा।”
कामकाज ठप, लोगों में बढ़ रहा आक्रोश
गहलोत के विधानसभा क्षेत्र सरदारपुरा में विकास कार्य ठप पड़े हैं। लोग बताते हैं कि उनके क्षेत्र में सड़कों की मरम्मत, बिजली की समस्या और अन्य जनसुविधाओं के लिए कोई सुनवाई नहीं हो रही है।
राजनीतिक संदेश या असली नाराजगी
गहलोत के खिलाफ यह पोस्टरबाजी केवल आम जनता की नाराजगी है या इसके पीछे कोई राजनीतिक साजिश है, यह स्पष्ट नहीं है। लेकिन इतना तय है कि इन पोस्टरों ने राजस्थान की राजनीति में गर्माहट ला दी है।
गहलोत के सामने नई चुनौती
इस घटना ने अशोक गहलोत के लिए नई राजनीतिक चुनौती खड़ी कर दी है। अब देखना होगा कि गहलोत इस असंतोष को कैसे संभालते हैं और अपने क्षेत्र की जनता का विश्वास कैसे वापस जीतते हैं।